अफगानिस्तान (Afghanistan) से अमेरिकी फौज (US forces) लौटने के बाद पहली बार अमेरिका (America) और तालिबान (Taliban) आमने-सामने आ गए हैं। शनिवार को दोहा में अमेरिकी और तालिबान के वरिष्ठ अधिकारियों की मुलाकात हुई है। इस वार्ता के बाद अमेरिका ने कहा कि वे तालिबानी सरकार (Talibani government) को मान्यता दिए बिना अफगानिस्तान (Afghanistan) के लोगों की मदद करने के लिए तैयार हैं।
नई दिल्ली। अफगानिस्तान (Afghanistan) से अमेरिकी फौज (US forces) लौटने के बाद पहली बार अमेरिका (America) और तालिबान (Taliban) आमने-सामने आ गए हैं। शनिवार को दोहा में अमेरिकी और तालिबान के वरिष्ठ अधिकारियों की मुलाकात हुई है। इस वार्ता के बाद अमेरिका ने कहा कि वे तालिबानी सरकार (Talibani government) को मान्यता दिए बिना अफगानिस्तान (Afghanistan) के लोगों की मदद करने के लिए तैयार हैं। इसके अलावा अमेरिका (America) ने कहा कि अब तालिबान को उसके बयानों से नहीं बल्कि उसके कार्यों से आंका जाएगा। तालिबान-अमेरिका (Taliban-America) ने कई मुद्दों पर बात की । अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता नेड प्राइस (US State Department spokesman Ned Price) ने बताया कि अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल (US delegation) ने दोहा वार्ता के दौरान तालिबान प्रतिनिधियों से मुलाकात की और महत्वपूर्ण राष्ट्रीय हित के मुद्दों पर चर्चा की। इनमें आतंकवाद, सुरक्षा, आतंकवाद, विदेशी नागरिकों की सुरक्षा शामिल थी। इसके अलावा लड़कियों और महिलाओं के मुद्दों पर भी दोनों देशों ने बात की।
हालांकि, तालिबान (Taliban) के भी इस वार्ता के दौरान तेवर तीखे थे। कार्यवाहक विदेश मंत्री अमीर खान मुत्तकी ने अमेरिका (America) को चेतावनी भरे लहजे में कहा कि वह अफगानिस्तान (Afghanistan) को अस्थिर करने की कोशिश न करें। दोहा में हुई बातचीत के बाद अमीर खान ने अफगानिस्तान की समाचार एजेंसी से बख्तर से इस बारे में बात की थी। उन्होंने अपने इस बयान में कहा था कि हमने उन्हें साफ तौर पर कह दिया है कि अफगानिस्तान (Afghanistan) में सरकार को अस्थिर करने की कोशिश भी मत करना वर्ना ये किसी के लिए भी अच्छा नहीं होगा। एएफपी द्वारा रिकॉर्ड किए गए बयान में अमीर खान ने कहा कि अफगानिस्तान (Afghanistan) के साथ अच्छे संबंध होना हर किसी के लिए फायदे का सौदा साबित होगा।
उन्होंने आगे कहा कि अगर अफगानिस्तान (Afghanistan) में मौजूदा सरकार को कमजोर बनाने के लिए किसी भी तरह की साजिश रची जाती है। तो ये बाकी दुनिया के लिए भी समस्या पैदा कर सकता है। इसके अलावा तालिबान ने अफगानिस्तान (Afghanistan)के केंद्रीय बैंक के भंडार पर लगे प्रतिबंध को हटाने को कहा है। बता दें कि अमीर खान मुत्तकी दोहा में तालिबान-अमेरिका (Taliban-America) की वार्ता का नेतृत्व कर रहे थे।