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अनुप्रिया पटेल का बयान दुर्भाग्यपूर्ण, कौशाम्बी में भाजपा का नहीं, प्रत्याशी का किया  विरोध : रघुराज प्रताप सिंह

जनसत्ता दल लोकतांत्रिक (Jansatta Dal Democratic) के राष्ट्रीय अध्यक्ष रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया ने कहा है कि अपना दल एस की राष्ट्रीय अध्यक्ष अनुप्रिया पटेल (Anupriya Patel) का बयान दुर्भाग्यपूर्ण है।

By संतोष सिंह 
Updated Date

नई दिल्ली। जनसत्ता दल लोकतांत्रिक (Jansatta Dal Democratic) के राष्ट्रीय अध्यक्ष रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया ने कहा है कि अपना दल एस की राष्ट्रीय अध्यक्ष अनुप्रिया पटेल (Anupriya Patel) का बयान दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने कहा कि ईवीएम (EVM) से कोई राजा नहीं पैदा होता है बल्कि ईवीएम (EVM) से जनसेवक और जनप्रतिनिधि पैदा होते हैं। हालांकि उन्होंने अनुप्रिया पर व्यक्तिगत टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।

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राजा भैया ने कहा कि हम किसी पार्टी का विरोध नहीं कर रहे हैं, बल्कि प्रत्याशी के खिलाफ हैं। प्रत्याशी का आचार विचार ठीक नहीं होने के कारण हमारे समर्थकों ने उनके खिलाफ मतदान करने का फैसला लिया। एक सवाल के जवाब में पीओके को भारत का अभिन्न हिस्सा बताया।

भाजपा के दावे को सही ठहराया है। अनुप्रिया पटेल (Anupriya Patel) के बयान पर राजा भैया ने कहा कि राजा और राजवाड़े बहुत पहले खत्म हो गए हैं। अनुप्रिया को जानकारी होनी चाहिए कि ईवीएम (EVM) से जनसेवक पैदा होते हैं। जिनसे उनकी उम्र पांच वर्ष की होती है। अगर जनप्रतिनिधि का आचार व्यवहार, कामकाज ठीक होता है अगले पांच साल के लिए दुबारा चुना जाता है।

जानें क्या कहा था अनुप्रिया पटेल ने?

अपना दल (एस) की प्रमुख अनुप्रिया पटेल (Anupriya Patel) ने कहा देश आजाद हो गया। लोकतंत्र में राजा, रानी के पेट से नहीं पैदा होते। ईवीएम (EVM) के बटन से पैदा होते हैं। इस बार स्वघोषित राजाओं का भ्रम तोड़ दें, जो कुंडा को अपनी जागीर समझते हैं। याद रखना कि अब केवल मतदाता ही सर्वशक्तिमान है।

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अनुप्रिया ने शनिवार को प्रतापगढ़ के मानिकपुर मिलिट्री मैदान में कौशाम्बी संसदीय क्षेत्र के भाजपा प्रत्याशी विनोद सोनकर के समर्थन में जनसभा संबोधित की। इस दौरान वह फायर ब्रांड नेता के रूप नजर आईं। सभा कुंडा विधान क्षेत्र में थी, जहां से जनसत्ता दल लोकतांत्रिक प्रमुख राजा भैया विधायक हैं। यह क्षेत्र कौशाम्बी लोकसभा सीट का हिस्सा है।

अनुप्रिया ने बिना नाम लिए राजा भैया को निशाने पर रखा। कहा कि अब जमाना लोकतंत्र का है। मतदाता ही भाग्य विधाता है। राजतंत्र के दिन लद गए। जनता किसी की जागीर नहीं, वह अपना प्रतिनिधि चुनने के लिए स्वतंत्र है। 20 मई को इसका फैसला हो जाएगा।

उन्होंने कहा कि आजादी के 75 सालों के इतिहास में प्रधानमंत्री मोदी के 10 सालों के कार्यकाल में 25 करोड़ लोग गरीबी रेखा निकलकर बाहर आए हैं। महिलाओं को सशक्त बनाने का काम केंद्र सरकार ने किया। अगर आप चाहते हैं कि गरीब वर्ग मजबूत हो तो आप मोदी जी को मजबूत करो।

कहा कि विनोद सोनकर ने विकास को नई दिशा दी। यहां हुए महोत्सव में लाखों प्रतिभाओं को मौका दिया। इलाज नहीं मिलने पर इस क्षेत्र की महिलाएं दम तोड़ देतीं थीं, अब मोबाइल मेडिकल वैन से स्वास्थ्य सुविधाएं घर-घर पहुंच रही हैं। आपको इस बार फिर से विकास का नया अध्याय लिखना है। अंत में उपस्थित लोगों को धन्यवाद देते हुए कहा कि गर्मी में आप की उपस्थिति ने पंडाल को छोटा कर दिया।

अनुप्रिया के बयान पर एमएलसी अक्षय का पलटवार

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कौशांबी लोकसभा सीट पर चुनाव प्रचार के आखिरी दिन शनिवार को मानिकपुर नगर पंचायत के मिलेट्री ग्राउंड के मैदान पर जनसभा को संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल ने राजा भैया का बिना नाम लिए हमला बोला था। उनके बयान पर रविवार को जनसत्ता दल लोकतांत्रिक के एमएलसी अक्षय प्रताप सिंह गोपालजी ने पलटवार किया। केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल (Anupriya Patel) ने अपने बयान में कहा था कि स्वघोषित राजा का भ्रम तोड़ दें कुंडा उनकी जागीर नहीं है। लोकतंत्र में रानी के पेट से नहीं ईवीएम से राजा पैदा होते हैं।

अपना दल एस प्रमुख के बयान पर रविवार को जनसत्ता दल लोकतांत्रिक के एमएलसी अक्षय प्रताप सिंह गोपालजी ने पलटवार किया। कहा कि अनुप्रिया एक्सीडेंटल सांसद व मंत्री हैं। ईवीएम से राजा नहीं बल्कि जनसेवक पैदा होते हैं। लोकतंत्र के ईवीएम से बिना गठबंधन के जनसत्ता दल के दो विधायक, एक एमएलसी, जिला पंचायत अध्यक्ष व 11 ब्लॉक प्रमुख हैं। यदि अनुप्रिया अकेले दम पर चुनाव लड़े तो उन्हें अपने वजूद का पता चल जाएगा।

जनसत्ता दल प्रमुख राजा भैया ने लोकसभा चुनाव से खुद को अलग कर लिया। समर्थकों की राय पर सभी को स्वतंत्र करते हुए अपने विवेक से निर्णय लेने की बात कही। ऐसे में उनके खिलाफ अमर्यादित भाषा का प्रयोग उचित नहीं है। अपना दल एस की राष्ट्रीय अध्यक्ष को इतना ही खुद पर भरोसा है तो वह जनसत्ता दल की तरह अकेले चुनाव मैदान में उतरें।

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