HBE Ads
  1. हिन्दी समाचार
  2. दिल्ली
  3. ओवैसी बोले- मुसलमान सबसे ज्यादा करते हैं कंडोम का इस्तेमाल, भागवत जी हमारी आबादी का न लो बेकार का टेंशन

ओवैसी बोले- मुसलमान सबसे ज्यादा करते हैं कंडोम का इस्तेमाल, भागवत जी हमारी आबादी का न लो बेकार का टेंशन

ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) चीफ असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi)  ने भारत में धार्मिक असंतुलन पर प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा है कि मुसलमानों की आबादी बढ़ नहीं रही, बल्कि गिर रही है। दरअसल, विजयदशमी के मौके पर राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (Rashtriya Swayamsevak Sangh) प्रमुख मोहन भागवत (chief Mohan Bhagwat) ने भाषण में जनसंख्या का मुद्दा उठाया था। उन्होंने कहा था कि जनसंख्या असंतुलन (Population Imbalance)के मुद्दे को नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए।

By संतोष सिंह 
Updated Date

नई दिल्ली। ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) चीफ असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi)  ने भारत में धार्मिक असंतुलन पर प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा है कि मुसलमानों की आबादी बढ़ नहीं रही, बल्कि गिर रही है। दरअसल, विजयदशमी के मौके पर राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (Rashtriya Swayamsevak Sangh) प्रमुख मोहन भागवत (chief Mohan Bhagwat) ने भाषण में जनसंख्या का मुद्दा उठाया था। उन्होंने कहा था कि जनसंख्या असंतुलन (Population Imbalance) के मुद्दे को नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए।

पढ़ें :- India CT 2025 Squad Announcement: चैंपियंस ट्रॉफी के लिए टीम इंडिया का ऐलान टला! BCCI को चाहिए अभी और वक्त

एक जनसभा के दौरान ओवैसी ने कहा,  मुसलमानों की आबादी नहीं बढ़ रही है। तुम बेकार में टेंशन में मत डालो, नहीं बढ़ रही है। आबादी गिर रही है हमारी…। मुसलमानों का TFR गिर रहा…।’ उन्होंने कहा कि दो बच्चे पैदा करने के बीच सबसे ज्यादा अंतर मुसलमान रख रहे हैं। उन्होंने सवाल किया, ‘सबसे ज्यादा कंडोम कौन इस्तेमाल कर रहा? हम इस्तेमाल कर रहे। मोहन भागवत इसपर नहीं बोलेंगे।’

पढ़ें :- AAP विधायक गुरप्रीत गोगी ने आत्महत्या की या फिर हुई हत्या? घर पर खाना खाते वक्त लगी थी गोली

जाने क्या कहा था संघ प्रमुख ने ?
भागवत ने भाषण के दौरान जनसांख्यिकी असंतुलन पर चर्चा की थी। उन्होंने कहा था कि ’75 वर्ष पूर्व हमने इसका अनुभव किया ही है और 21वीं सदी में जिन तीन नए स्वतंत्र देशों का अस्तित्व विश्व में हुआ, ईस्ट तिमोर, दक्षिणी सुडान और कोसोवा, वे इंडोनेशिया, सुडान और सर्बिया के एक भूभाग में जनसंख्या बिगड़ने का ही परिणाम है।

उन्होंने कहा कि ‘जब-जब किसी देश में जनसांख्यिकी असंतुलन होता है तब-तब उस देश की मौगोलिक सीमाओं में भी परिवर्तन आता है। जन्मदर में असमानता के साथ-साथ, लालच, लोभ, जबरदस्ती से चलने वाला मतांतरण व देश में हुई घुसपैठ भी बड़े कारण हैं।’ संघ प्रमुख ने कहा कि जनसंख्या नियंत्रण के साथ-साथ पांथिक आधार पर जनसंख्या संतुलन भी जरूरी मुद्दा है, जिसे अनदेखा नहीं किया जा सकता।

संघ प्रमुख ने कहा था कि संतुलन बनाने के लिए नई जनसंख्या नीति सभी समुदायों पर समान रूप से लागू होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि इस देश में समुदायों के बीच संतुलन बनाना होगा।

Hindi News से जुड़े अन्य अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें फेसबुक, यूट्यूब और ट्विटर पर फॉलो करे...