सनातन धर्म में गृहस्थ धर्म का पालन करना एक तपस्या है। गृहस्थ जीवन में पति-पत्नी के बीच प्रगाढ़ संबंध आजीवन बने रहे इसके लिए भगवान विष्णु और देवी मां लक्ष्मी की विधि –विधान से पूजा की जाती है।
Ashunya Shayan Vrat 2023 : सनातन धर्म में गृहस्थ धर्म का पालन करना एक तपस्या है। गृहस्थ जीवन में पति-पत्नी के बीच प्रगाढ़ संबंध आजीवन बने रहे इसके लिए भगवान विष्णु और देवी मां लक्ष्मी की विधि –विधान से पूजा की जाती है। गृहस्थ जीवन में पति के द्वारा अशून्य शयन द्वितीया व्रत का पालन करना सबसे उत्तम माना जाता है। 28 नवंबर यानी आज अशून्य शयन द्वितीया व्रत किया जाएगा। यह व्रत पूजा पांच महीने – सावन, भादों, आश्विन, कार्तिक और अगहन में होती है। चार महीनों के दौरान प्रत्येक महीने के कृष्ण पक्ष की द्वितीया तिथि को यह व्रत किया जाता है।
पौराणिक मान्यता है कि कहा जाता है कि पुरुषों को अपने जीवनसाथी की लंबी उम्र के लिए यह व्रत करना चाहिए। मान्यता कि इस व्रत का पालन करने से पति पत्नि का साथ सात जन्मों तक साथ बना रहता है।
द्वितीया तिथि में रात को चंद्रोदय के समय चंद्रमा को अर्घ्य देकर अशून्य शयन व्रत का पारण किया जाता है। द्वितीया तिथि 28 नवंबर को दोपहर 2 बजकर 1 मिनट पर लग जायेगी और कल की दोपहर 1 बजकर 57 मिनट तक रहेगी। यानि द्वितीया तिथि में चंद्रोदय मंगलवार को ही होगा। लिहाजा अशून्य शयन व्रत आज ही किया जाएगा।