Astrology: मृत्यू के बाद हिंदू धम्र में शव से जुड़ी की बातें बताईं जाती हैं या फिर सामने आती हैं। इसमें से एक है मृत्यू के बाद शव को क्यों नहीं अकेला छोड़ा जाता है। इसके पीछे कई कारण बताए जाते हैं। इसके कई कारण धर्म और ग्रांथों में भी बताए गए हैं।
Astrology: मृत्यू के बाद हिंदू धम्र में शव से जुड़ी की बातें बताईं जाती हैं या फिर सामने आती हैं। इसमें से एक है मृत्यू के बाद शव को क्यों नहीं अकेला छोड़ा जाता है। इसके पीछे कई कारण बताए जाते हैं। इसके कई कारण धर्म और ग्रांथों में भी बताए गए हैं।
गुरुण पुराण में इसको लेकर विस्तार से बताया गया है कि आखिर शव को अकेला क्यों नहीं छोड़ा जाता है। दरअसल, गरुण पुराण का अपना एक विषेश महत्व है। लिहाजा इसको लोग मानते भी हैं।
इसके अधिष्ठातृदेव भगवान विष्णु है। गरूड़ पुराण में विष्णु-भक्ति का विस्तार से वर्णन किया गया है। आईए आपको बताते हैं कि आखिरी व्यक्ति के मृत्यू के बाद शव को अकेले क्यों नहीं छोड़ा जाता है….
1. गरुण पुराण की माने तो मृतक शरीर को रात में अकेला नहीं छोड़ना चाहिए। क्योंकि रात में कई नकारात्म शाक्यिां मृतक के शरीर में प्रवेश करने की कोशिश करती हैं। ऐसी स्थिति में शव को अकेले नहीं छोड़ना चाहिए।
2. इसके साथ ही बताया जाता है कि मृत्यू के बाद आत्मा आसपास ही होती है। ऐसे में परिवार का शव को अकेले छोड़े जाने से आत्मा को दुख पहुंचता है।
3. शव को अकेले छोड़ने के पीछे एक और बड़ी वजह है कि छोटे-छोटे कीड़े शव को नुकसान पहुंचा सकते हैं।
4. कुछ लोग तांत्रिक प्रयोग के लिए मृतक के शरीर का प्रयोग करते हैं। ऐसे में शव को अकेले नहीं छोड़ना चाहिए।
5. यदि ज्यादा देर तक शव रखा रहे तो शव से निकलने वाली गंध के चलते कई तरह के बैक्टीरिया पनपने लगते हैं और मक्खियां भी भिनभिनाने लगती हैं। इसलिए शव के आसपास बैठकर अगरबत्ती वगैरह जलाते रहना चाहिए।