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‘अटारी वाघा बॉर्डर बंद, आज पाकिस्तान जानी थी शैतान सिंह की बारात…’ अब कैसे होगी शादी?

Effect of closing Attari Wagah border: पहलगाम आतंकी हमले के बाद केंद्र की मोदी सरकार ने बुधवार को घोषणा की कि एकीकृत चेकपोस्ट अटारी को तुरंत बंद कर दिया जाएगा। जो लोग वैध अनुमोदन के साथ सीमा पार कर चुके हैं, वे 1 मई 2025 से पहले उस मार्ग से वापस आ सकते हैं। जिसके बाद एसवीईएस वीजा के तहत भारत में रह रहे पाकिस्तानी नागरिक भारत छोड़ रहे हैं।

By Abhimanyu 
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Effect of closing Attari Wagah border: पहलगाम आतंकी हमले के बाद केंद्र की मोदी सरकार ने बुधवार को घोषणा की कि एकीकृत चेकपोस्ट अटारी को तुरंत बंद कर दिया जाएगा। जो लोग वैध अनुमोदन के साथ सीमा पार कर चुके हैं, वे 1 मई 2025 से पहले उस मार्ग से वापस आ सकते हैं। जिसके बाद एसवीईएस वीजा के तहत भारत में रह रहे पाकिस्तानी नागरिक भारत छोड़ रहे हैं।

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दरअसल, भारत द्वारा एसवीईएस वीजा के तहत भारत में रह रहे पाकिस्तानी नागरिकों को भारत छोड़ने के लिए 48 घंटे की समय सीमा घोषित की गयी है। जिसके बाद पाकिस्तानी नागरिक अटारी-वाघा सीमा के माध्यम से अपने देश के लिए रवाना हो रहे हैं। वहीं, अटारी बॉर्डर को बंद किए जाने के फैसले से कुछ लोगों के लिए मुश्किलें बढ़ गईं हैं। जिनमें राजस्थान के नागरिक शैतान सिंह भी हैं।

एक समाचार एजेंसी ने बताया कि राजस्थान के नागरिक शैतान सिंह, जो आज अपनी शादी के लिए अमृतसर की अटारी सीमा पार करके पाकिस्तान जाने वाले थे, लेकिन सरकार ने सीमा को बंद करने का फैसला लिया है। इस पर शैतान सिंह का कहना है- “आतंकवादियों ने जो किया है, वह गलत है… हमें (पाकिस्तान) जाने की अनुमति नहीं दी जा रही है क्योंकि सीमा बंद है… देखते हैं अब क्या होता है।”

शैतान सिंह के भाई सुरिंदर सिंह, कहते हैं- “मैं आज अपने भाई की शादी के लिए पाकिस्तान जा रहा था, लेकिन अब यह स्थगित हो जाएगा। मेरी दादी और उनके चार बेटे पाकिस्तान में रहते हैं, और उनका एक बेटा भारत में रहता है। (पहलगाम में) पर्यटकों पर हमला बहुत गलत था।”

अटारी-वाघा सीमा के रास्ते भारत से रवाना होने वाले पाकिस्तानी नागरिक मंसूर ने पीटीआई से कहा, “मैं कराची से हूं और दिल्ली में अपने रिश्तेदारों से मिलने के लिए 20-25 दिनों के लिए भारत आया था। जो कुछ भी हुआ, वह (पहलगाम में) नहीं होना चाहिए था। हालांकि, सरकार को ऐसा (सार्क वीजा छूट योजना को निलंबित करना) नहीं करना चाहिए था।”

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