श्रीराम जन्मभूमि ट्रस्ट के मणिरामदास छावनी के एक साधु का शव कमरे में पड़ा मिला। उनका गला धारदार हथियार से रेता गया था। मौके पर पहुंची पुलिस ने जांच पड़ताल के बाद कार्रवाई शुरू कर दी है। पुलिस का कहना है कि ये मामला अयाेध्या काेतवाली के नयाघाट चाैकी क्षेत्र अंतर्गत मणिरामदास छावनी का है। मृतक की पहचान साधु हरिभजन दास (50) के रूप में हुई है, जो मूल रूप से दरभंगा का रहने वाला था।
अयोध्या। श्रीराम जन्मभूमि ट्रस्ट के मणिरामदास छावनी के एक साधु का शव कमरे में पड़ा मिला। उनका गला धारदार हथियार से रेता गया था। मौके पर पहुंची पुलिस ने जांच पड़ताल के बाद कार्रवाई शुरू कर दी है। पुलिस का कहना है कि ये मामला अयाेध्या काेतवाली के नयाघाट चाैकी क्षेत्र अंतर्गत मणिरामदास छावनी का है। मृतक की पहचान साधु हरिभजन दास (50) के रूप में हुई है, जो मूल रूप से दरभंगा का रहने वाला था।
वह इस छावनी में पिछले 30 वर्षो से रह रहा था। वहीं, पुलिस जांच कर रही है कि ये मामला हत्या का है या आत्महत्या? इस सम्बंध में क्षेत्राधिकारी अयोध्या राजेश कुमार राय ने बताया कि उन्हें सुबह मणिरामदास छावनी से सूचना मिली कि यहां के एक साधु ने धारदार हथियार से अपना गला रेत लिया है। वह माैके पर पहुंचे।
उन्हाेंने बताया कि जिला अस्पताल ले जाते समय साधु हरिभजन दास की माैत हाे गई। पुलिस का कहना है कि वह मानसिक रूप से परेशान रहते थे। उसने सब्जी काटने वाले चाकू से अपना गला रेत लिया है। उसके कमरे में जमीन पर बहुत सारा खून और बगल में चाकू पड़ा था। इसके अलावा कमरे में अन्य सामान अपने यथास्थान पर थे। उनसे किसी भी प्रकार का छेड़छाड़ नहीं किया गया है। इससे साफ पता चलता है कि उन्होंने सुसाइड किया है।