सनातन धर्म में देवी मां बगलामुखी की पूजा का विशेष महत्व है। मां बगलामुखी की पूजा शक्ति की साधना के लिए किया जाता है।
Baglamukhi Jayanti 2023: सनातन धर्म में देवी मां बगलामुखी की पूजा का विशेष महत्व है। मां बगलामुखी की पूजा शक्ति की साधना के लिए किया जाता है। आज इनकी जयंती है। मान्यता के अनुसार मां बगलामुखी एक ऐसी देवी हैं, जिनकी विधि-विधान से पूजा करने वाले भक्त की झोली क्षण में खुशियों से भर जाती है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, जो व्यक्ति मां बगलामुखी जयंती के दिन विधि-विधान से उनके यंत्र को अपने पूजा घर में स्थापित करके प्रतिदिन पूजा करता है तो उसे मनचाहा वरदान मिलता है।
मान्यता है कि जो साधक प्रतिदिन सिद्ध बगलामुखी यंत्र की पूजा करते हुए ॐ बगलामुखी देव्यै ह्लीं ह्रीं क्लीं शत्रु नाशं कुरु मंत्र का जप करता है, उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं और उसके शत्रुओं का नाश होता है।
मां बगलामुखी पूजा के कुछ नियम
1. मां बगलामुखी की पूजा में पीले रंग का बहुत ज्यादा महत्व है।
2.साधक को मां बगलामुखी की मूर्ति या यंंत्रकी पूजा करते समय पीले रंग का वस्त्र पहनकर पीले रंग के आसन पर बैठकर ही पूजा करनी चाहिए।
3.मां बगलामुखी के मंत्र का जप भी पीली हल्दी की माला से करने का विधान है। मां बगलामुखी की पूजा रात को 10 से भोर में 4 बजे के बीच ही करना चाहिए।