विद्या की देवी मां सरस्वती है। पुरातन काल से ही मां सरस्वती की पूजा होती आ रही है। विद्या , वाणी में कौशल प्राप्त करने के लिए देवी सरस्वती पूजा बहुत आवश्यक है।
Basant Panchami 2023 : विद्या की देवी मां सरस्वती है। पुरातन काल से ही मां सरस्वती की पूजा होती आ रही है। विद्या , वाणी में कौशल प्राप्त करने के लिए देवी सरस्वती पूजा बहुत आवश्यक है। इस दिन मंदिर ही नहीं बल्कि विद्यालयों में भी सरस्वती मां की पूजा व हवन आदि किए जाते हैं।
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, जो भक्त सरस्वती मां का पूजन करते हैं उन्हें मां से शिक्षा का वरदान मिलता है। जीवन में सफलता के द्वार भी खोलती हैं। बसंत पंचमी के अवसर पर पीले रंग के वस्त्र पहनना अत्यधिक महत्वपूर्ण माना जाता है। पीले रंग के फूल या फिर पीले रंग के फूलों की माला से इस दिन घर की सजावट करना अत्यंत शुभ होता है।
हर साल हिंदू पंचांग के अनुसार माघ शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि पर बसंत पंचमी मनाई जाती है और मां सरस्वती (Maa Saraswati) का पूजन होता है। इस साल 26 जनवरी, गुरुवार के दिन बसंत पंचमी मनाई जाएगी।
1.बच्चे का मन पढ़ाई में नहीं लगता। हर वक्त पढ़ाई से जी चुराता है तो बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती को हरे रंग फल अर्पित करना चाहिए।
2.बच्चे के स्टडी रूम में माता सरस्वती का एक चित्र रखें और बच्चे को पढ़ाई करने से पहले नियमित रूप से माता को हाथ जोड़ कर प्रणाम करने के लिए कहें।