आयुर्वेद में इसका इस्तेमाल जड़ी बूटी के रुप में किया जाता है। इस फल में फास्फोरस,आयरन, कैल्शियम और जिंक पाया जाता है। इसके अलावा विटामिन बी1और बी2 भी पाया जाता है।
Benefits of eating Kaitha: खाने में खट्टा कैथा कई औषधीय गुणों से भरपूर होता है। यह बेल की दिखता है ऊपर से मोटा सा छिलका और अंदर सॉफ्ट गुदा। इसका स्वाद बेहद खट्ठा होता है। यह फल हाथियों को बहुत पसंद होता है।
आयुर्वेद में इसका इस्तेमाल जड़ी बूटी के रुप में किया जाता है। इस फल में फास्फोरस,आयरन, कैल्शियम और जिंक पाया जाता है। इसके अलावा विटामिन बी1और बी2 भी पाया जाता है।
कैथा के कच्चे फल की अपेक्षा पके फल में विटमिन सी और अन्य फ्रूट एसिड की अधिक मात्रा में होती है। इसके बीज में अधिक मात्रा में प्रोटीन पाया जाता है। गूदे में कार्बोहाइड्रेट और फाइबर होता है। इसके सेवन से हाई कोलेस्ट्रॉल कंट्रोल में रहता है। कोलेस्ट्रॉल के रोगियों के लिए ये फायदेमंद है। इसमें मौजूद विटामिन सी ब्लड वेसेल्स को चौड़ा करके खून की गति को नेचुरल करता है।
वहीं कैथा डायबिटीज के मरीजों के लिए भी काफी फायदेमंद होता है। इसके पेड़ से निकलने वाले फेरोनिया गूदा डायबिटीज के रोगियो के रक्त प्रवाह में चीनी के संतुलन को बनाएं रखने में हेल्प करता है।
नियमित इस्तेमाल से रक्त में ग्लूकोज का स्तर कम होता है। इसके अलावा बावासीर के रोगियों के लिए भी यह फायदेमंद होता है। यह मूत्र मार्ग की सूजन को भी कम करता है।
कैथा में फाइबर और रेफेज मेटाबोलिक रेट बढ़ाने के साथ बॉवेल मूवमेंट में सुधार करने का काम करता है। इसके अलावा कैथा खून की कमी को दूर करता है। इसमें आयरन भरपूर मात्रा में पाया जाता है। साथ ही लिवर कीडनी के रोगो से भी रक्षा करता है. कैथा का गूदा लीवर और कीडनी की सेहत की रक्षा करने में हेल्प करता है।