उत्तर प्रदेश राज्य महिला आयोग की सदस्य डॉ. प्रियंवदा तोमर ने इस्तीफा दे दिया है। यह इस्तीफा उन्होंने किसान आंदोलन के समर्थन और किसानों को लेकर बीजेपी सरकार की उदासीनता से क्षुब्ध होकर दिया है।साथ ही उन्होंने बीजेपी की सदस्यता, तमाम जिम्मेदारियों व पदों से भी त्याग पत्र दे दिया है।
लखनऊ। उत्तर प्रदेश राज्य महिला आयोग की सदस्य डॉ. प्रियंवदा तोमर ने इस्तीफा दे दिया है। यह इस्तीफा उन्होंने किसान आंदोलन के समर्थन और किसानों को लेकर बीजेपी सरकार की उदासीनता से क्षुब्ध होकर दिया है।
साथ ही उन्होंने बीजेपी की सदस्यता, तमाम जिम्मेदारियों व पदों से भी त्याग पत्र दे दिया है। बता दें पश्चिमी उत्तर प्रदेश के बड़े नेताओं में से डॉ प्रियंवदा तोमर का नाम शामिल है। उन्होंने प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह को पत्र लिखकर अपना इस्तीफा सौंपा है।
बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह को लिखे त्याग पत्र में डॉ प्रियंवदा तोमर ने कहा है कि ‘मैं एक किसान परिवार से आती हूं। पिछले 131 दिनों से किसान आंदोलनरत हैं और 300 अधिक किसान शहीद हो चुके हैं। देश के अन्नदाता के प्रति भारतीय जनता पार्टी व सरकार की संवेदनहीनता की पराकाष्ठा से मैं क्षुब्ध हूं।
बीजेपी लगाए गंभीर आरोप
उन्होंने पत्र में आगे लिखा है कि ‘आज भ्रष्टाचार चरम पर है। मैं स्वयं आयोग की सदस्य रहते हुए भी महिलाओं को न्याय दिलाने में असमर्थ हूं। इसके साथ ही भारतीय जनता पार्टी में योग्य महिलाओं की घोर उपेक्षा से भी निराशाजनक स्थिति है। उपरोक्त परिस्थितियों से क्षुब्ध होकर मैं भारतीय जनता पार्टी की प्राथमिक सदस्यता, सभी दायित्वों और पदों से इस्तीफा दे रही हूं। साथ ही नैतिकता के आधार पर यूपी सरकार द्वारा दायित्व राज्य महिला आयोग सदस्य के पद से भी इस्तीफा दे रही हूं।
माना जा रहा है कि डॉ प्रियंवदा तोमर के इस्तीफे का असर आगामी पंचायत चुनाव में भी देखने को मिल सकता है। इतना ही नहीं पश्चिम यूपी में बीजेपी को बड़ा झटका भी माना जा रहा है। जिस तरह का आरोप डॉ प्रियंवदा ने लगाए हैं वह भी विपक्षियों को सरकार पर हमले का अवसर देंगे।