Tata Sons IPO: टाटा ग्रुप की गिनती भारत के सबसे बड़े कारोबारी समूहों में की जाती है। कंपनी का साम्राज्य देश के हर क्षेत्र में फैला हुआ है। साथ ही कंपनी ने करीब 100 साल के इतिहास में कई बड़ी उपलब्धियां हासिल की हैं और अब समूह शेयर बाजार में सबसे बड़ा कीर्तिमान रचने की ओर बढ़ रहा है, जिससे भारतीय शेयर बाजार में अब तक के सारे पुराने रिकॉर्ड टूटने वाले हैं।
Tata Sons IPO: टाटा ग्रुप की गिनती भारत के सबसे बड़े कारोबारी समूहों में की जाती है। कंपनी का साम्राज्य देश के हर क्षेत्र में फैला हुआ है। साथ ही कंपनी ने करीब 100 साल के इतिहास में कई बड़ी उपलब्धियां हासिल की हैं और अब समूह शेयर बाजार में सबसे बड़ा कीर्तिमान रचने की ओर बढ़ रहा है, जिससे भारतीय शेयर बाजार में अब तक के सारे पुराने रिकॉर्ड टूटने वाले हैं।
दरअसल, टाटा समूह के नए आईपीओ की चर्चा ज़ोरों पर है। समूह की होल्डिंग कंपनी टाटा संस का नया आईपीओ आने की संभावना है। आरबीआई ने रेगुलेशंस में कुछ बदलाव किया है। जिसके तहत टाटा संस को अपर-लेयर एनबीएफसी की कैटेगरी में डाला गया है। वहीं, इस कैटेगराइजेशन से बचने के लिए टाटा संस विकल्पों की तलाश कर रही है। जिसके लिए कंपनी के पास सबसे आसान विकल्प बाजार में लिस्ट होने का है।
ऐसे में अगर टाटा संस बाजार में लिस्ट होने का विकल्प चुनती है तो उसे इसके लिए आईपीओ लाने की जरूरत पड़ेगी। नियमों के मुताबिक टाटा संस के पास बाजार में लिस्ट होने के लिए 2 साल का समय है। इसका मतलब है कि टाटा संस को सितंबर 2025 से पहले आईपीओ लाना पड़ेगा। अभी टाटा संस की वैल्यू करीब 11 लाख करोड़ रुपये मानी जा रही है।
आईपीओ आने पर टाटा ट्रस्ट समेत टाटा संस के विभिन्न शेयरहोल्डर्स को हिस्सेदारी 5 फीसदी तक कम करनी पड़ेगी। टाटा संस में अभी सबसे ज्यादा 66 फीसदी हिस्सेदारी टाटा ट्रस्ट्स के पास है। जिसके बाद हिसाब लगाएं तो 5 फीसदी होल्डिंग वाले आईपीओ की वैल्यू करीब 55 हजार करोड़ रुपये हो जाती है।
बता दें कि अगर टाटा संस का आईपीओ आता है तो इसकी अभी तक भारत के बाजार में सबसे ज्यादा की होगी। बाजार के इतिहास पर नजर डालें तो फिलहाल सबसे बड़े आईपीओ का रिकॉर्ड सरकारी बीमा कंपनी एलआईसी के पास है। पिछले साल एलआईसी 21 हजार करोड़ रुपये का आईपीओ लेकर आई थी।