Supreme Court's Verdict in Bilkis Bano Case: सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को बिलकिस बानो केस में अपना फैसला सुना दिया है। कोर्ट ने गुजरात सरकार के फैसले को पलटते हुए दोषियों की सजा में छूट की रद्द कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट का मानना है कि राज्य, जहां किसी अपराधी पर मुकदमा चलाया जाता है और सजा सुनाई जाती है, वह दोषियों की माफी याचिका पर निर्णय लेने में सक्षम है। सुप्रीम कोर्ट का मानना है कि दोषियों की सजा माफी का आदेश पारित करने के लिए गुजरात राज्य सक्षम नहीं है, बल्कि महाराष्ट्र सरकार सक्षम है।
Supreme Court’s Verdict in Bilkis Bano Case: सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने सोमवार को बिलकिस बानो केस में अपना फैसला सुना दिया है। कोर्ट ने ने गुजरात सरकार के फैसले को पलटते हुए दोषियों की रिहाई का फैसला रद्द कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट का मानना है कि राज्य, जहां किसी अपराधी पर मुकदमा चलाया जाता है और सजा सुनाई जाती है, वह दोषियों की माफी याचिका पर निर्णय लेने में सक्षम है।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा, महिला सम्मान की हकदार है। दोषियों की सजा माफी का आदेश पारित करने के लिए गुजरात राज्य सक्षम नहीं है, बल्कि महाराष्ट्र सरकार सक्षम है। कोर्ट का मानना है कि राज्य इस तरह का निर्णय लेने के लिए ‘सक्षम नहीं’ है और इसे ‘धोखाधड़ी वाला कृत्य’ करार दिया। कोर्ट ने यह भी कहा कि 11 दोषियों की जल्द रिहाई को चुनौती देने वाली बिलकिस बानो की याचिका वैध है। दोनों राज्यों (महाराष्ट्र-गुजरात) के लोअर कोर्ट और हाई कोर्ट फैसले ले चुके हैं। ऐसे में कोई आवश्यकता नहीं लगती है कि इसमें किसी तरह का दखल दिया जाए।
गौरतलब है कि अगस्त 2022 में गुजरात सरकार ने बिलकिस बानो गैंगरेप केस में उम्रकैद की सजा पाए सभी 11 दोषियों को रिहा कर दिया था। सरकार के इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी। अब सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद बिलकिस के दोषियों को जेल जाना होगा। कोर्ट में जस्टिस बीवी नागरत्ना और जस्टिस उज्जल भुयन की बेंच ने फैसला सुनाया है। बेंच ने पिछले साल 12 अक्टूबर को मामले में फैसला सुरक्षित रख लिया था। मामले पर अदालत में लगातार 11 दिन तक सुनवाई हुई थी।