मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार राम प्रकाश गुप्ता को भुलक्कड़ व्यक्ति थे। वह जहां भी जाते तो मंच पर पहुंचने से पहले उनको उनके सचिव भाषण याद दिलाते लेकिन मंच पर जाते ही वह सब भूल जाते और फिर वही कहते जो उनके मन में आता था। कई नेता तो यह भी कहते है कि वह अपने ही कबीना मंत्रियों से पूछ लेते थे माफ कीजिएगा कि आपको पहचाना नहीं।
आज उत्तर प्रदेश के उस पूर्व मुख्यमंत्री का जन्मदिन है जिन्हे भुलक्कड़ कहा जाता था। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार वो इतने भुलक्कड़ थे कि जहां भी जाते थे तो मंच पर पहुंचने से पहले उनके सेकेट्री उन्हें भाषण याद दिलाते थे।
लेकिन जैसे ही वह मंच पर जाते थे वह सब भूल जाते थे। फिर वही कहते जो उनके मन में आता था। कई नेता तो यह भी कहते है कि वह अपने ही कबीना मंत्रियों से पूछ लेते थे माफ कीजिएगा कि आपको पहचाना नहीं। साथ ही वो यूपी के सबसे बुजुर्ग मुख्यमंत्री थे।
जिनके साथ एक और इतिहास जुड़ा है जिन्होंने एक लड़के के लिए भविष्यवाणी की थी कि वह उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री बनेगा। उसी लड़के ने इनका पत्ता काट कर खुद मुख्यमंत्री बन गया था। हम जिस मुख्यमंत्री की बात कर रहे हैं। उनका नाम है राम प्रकाश गुप्ता। आज 26 अक्टूबर को उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री राम प्रकाश गुप्ता (Former Chief Minister of Uttar Pradesh Ram Prakash Gupta) का जन्म हुआ था।
राम प्रकाश गुप्ता (Ram Prakash Gupta) का जन्म 26 अक्टूबर 1924 को ब्रिटिश भारत में झांसी जिले के सुकवां ढुकवां में एक ज्योतिष परिवार में हुआ था। बाद में उनका परिवार झांसी से बुलंदशहर आ गया। राम प्रकाश गुप्ता की आगे की परवरिश और शुरुआती शिक्षा बुलंदशहर में ही हुई। इसके बाद राम प्रकाश गुप्ता ने एमएससी की पढ़ाई इलाहाबाद युनिवर्सिटी से किया था। इसमें उन्हें गोल्ड मेडल ङी मिला था। इलाहाबाद में ही उन्होंने भाजपा और आरएसएस की राजनीति का हिस्सा बनेंगे।
राम प्रकाश गुप्ता (Ram Prakash Gupta) 1946 में 22 साल की उम्र में आरएसएस के प्रचारक बने थे। 1956 में पहली बार उनको जनसंघ का संगठन मंत्री बनाया गया। 1964 में लखनऊ नगर पालिका में डिप्टी मेयर बने। इसी साल में उनको उत्तर प्रदेश विधान परिषद सदस्य बनाया गया।
1967 में जब चौधरी चरण सिंह सरकार में डिप्टी सीएम बने। 1975 में इमरजेंसी के दौरान जेल जाने वाले पहले सत्याग्रही बने थे। साल 1999 में राम प्रकाश गुप्ता (Ram Prakash Gupta) उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के पद की कमान संभाली। जबकि 2003 में एमपी के राज्यपाल बने थे। 12 नवम्बर 1999 से 28 अक्टूबर 2000 तक उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे। 7 मई 2003 से 01 मई, 2004 तक मध्य प्रदेश के राज्यपाल थे। 2004 में एक मई को दिल्ली में उनका निधन हो गया।