भारतीय किसान यूनियन (भाकियू ) के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) ने रविवार को मुजफ्फरनगर किसान महापंचायत (Muzaffarnagar Kisan Mahapanchayat) में हुंकार भरते हुए कहा कि सिर्फ मिशन यूपी ही नहीं हमें पूरे देश को बचाना है। अब किसानों का ही नहीं अब अन्य मुद्दों को भी उठाना है। राकेश टिकैत ने दिल्ली बॉर्डर पर डटे किसानों को लेकर भी कहा कि भले ही वहां हमारी कब्रगाह बन जाए, लेकिन हम वहां से नहीं जाएंगे।
मुजफ्फरनगर । भारतीय किसान यूनियन (भाकियू ) के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) ने रविवार को मुजफ्फरनगर किसान महापंचायत (Muzaffarnagar Kisan Mahapanchayat) में हुंकार भरते हुए कहा कि सिर्फ मिशन यूपी ही नहीं हमें पूरे देश को बचाना है। अब किसानों का ही नहीं अब अन्य मुद्दों को भी उठाना है। राकेश टिकैत ने दिल्ली बॉर्डर पर डटे किसानों को लेकर भी कहा कि भले ही वहां हमारी कब्रगाह बन जाए, लेकिन हम वहां से नहीं जाएंगे। उन्होंने कहा कि हम आपसे वादा लेकर जाते हैं कि अगर वहां पर हमारी कब्रगाह बनेगी तो भी हम मोर्चा नहीं छोड़ेंगे। बगैर जीते वापस नहीं आएंगे।
किसान नेताओं ने रविवार को सरकार से विभिन्न मुद्दों पर फिर से बातचीत शुरु करने का अनुरोध करते हुए एक बार फिर चेतावनी दी कि वे 2024 तक आंदोलन के लिए तैयार हैं। राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) ने कहा कि देश का संविधान खतरे में है। हवाई अड्डे , बिजली , बंदरगाह और सड़कों को निजी हाथों में बेचा जा रहा है, जबकि वोट के समय भारतीय जनता पार्टी ने इस संबंध में कुछ नहीं कहा था।
राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) ने कहा कि देश का किसान और नौजवान कमजोर नहीं है। उन्होंने मोदी सरकार (Modi government) पर निशाना साधते हुए मनमानी करने का आरोप लगाते हुए कहा कि अब देश की संस्थाएं बेची जा रही है। हम चुप नहीं रहेंगे। उन्होंने कहा कि वे तोड़ने का काम करते हैं तो हम लोगों को जोड़ते हैं। श्री टिकैत ने कहा कि बड़े-बड़े लोग बैंकों का हजारों करोड़ रुपया लेकर भाग जाते हैं उनका कोई कुछ नहीं कर पाता। उन्होंने कहा कि फसलों का दाम नहीं तो वोट भी नहीं। उन्होंने प्रधानमंत्री और गृहमंत्री को भी नहीं बख्शा और कहा जनता बाहरी लोगों को अब बर्दास्त नहीं करेगी।
उन्होंने कहा कि मोदी सरकार (Modi government) को हर हालत में तीनों कृषि कानूनों को वापस लेना ही होगा। उन्होंने कहा कि सरकार बताये कि इन कानूनों से किसान काे क्या फायदा है, लेकिन सरकार नहीं बता रही है। यह कानून किसान के साथ-साथ व्यापारियों के और लोगों के हित में नहीं है। किसानों को कर्जा नहीं फसलों का लाभकारी भाव चाहिए । उन्होंने किसान हित में एमएसपी पर कानून की उनकी मांग रहेगी लेकिन सरकार उनकी इस मांग पर कोई विचार नहीं कर रही है।