Good News : दशहरा (Dussehra) से पहले ही रेलवे कर्मचारियों (Railway Employees)को केंद्र सरकार से बड़ा तोहफा मिलने वाला है। रेलवे (Railway) ने अराजपत्रित रेल कर्मचारियों (RPF/RPSF कर्मियों को छोड़कर) को 78 दिनों के वेतन के बराबर उत्पादकता से जुड़े बोनस (PLB) का भुगतान करने का फैसला किया है। तकरीबन 11.27 लाख रेल कर्मचारियों को ये भुगतान दशहरा (Dussehra) की छुट्टियों से पहले कर दिया जाएगा।
Good News : दशहरा (Dussehra) से पहले ही रेलवे कर्मचारियों (Railway Employees)को केंद्र सरकार से बड़ा तोहफा मिलने वाला है। रेलवे (Railway) ने अराजपत्रित रेल कर्मचारियों (RPF/RPSF कर्मियों को छोड़कर) को 78 दिनों के वेतन के बराबर उत्पादकता से जुड़े बोनस (PLB) का भुगतान करने का फैसला किया है। तकरीबन 11.27 लाख रेल कर्मचारियों को ये भुगतान दशहरा (Dussehra) की छुट्टियों से पहले कर दिया जाएगा। बता दें कि रेलवे कर्मचारियों (Railway Employees) को हर साल दशहरा (Dussehra) /पूजा के पहले PLB का भुगतान करता है।
माननीय प्रधानमंत्री श्री @narendramodi जी द्वारा भारतीय रेल के लाखों कर्मचारियों के लिए बोनस को दी गई मंजूरी। रेलवे के करीब 11.27 लाख पात्र अराजपत्रित कर्मचारियों को मिलेगा प्रोडक्टिविटी लिंक्ड बोनस का लाभ।#ShramevJayate pic.twitter.com/84ij8kQxvx
— Ministry of Railways (@RailMinIndia) October 1, 2022
रेलवे पर पड़ेगा इतना भार रेलवे पर कर्मचारियों को इस बोनस का भुगतान करने के लिए 1832.09 का भार पड़ने वाला है। एलिजिबल रेलवे कर्मचारियों को PLB भुगतान के तौर पर 7000 रुपये प्रतिमाह दिए जाते हैं। 78 दिनों के हिसाब से कर्मचारियों को बोनस राशि के तौर 17,951 रुपये दिया जाएगा।
बोनस कर्मचारियों के लिए प्रोत्साहन के तौर पर करेगा काम
देश की अर्थव्यवस्था को बढ़ाने में रेलवे का एक अहम रोल रहा है। कोरोना की महामारियों के बीच भी रेलवे ने कई वित्तीय उपलब्धियां अपने नाम की हैं। 2021-22 में रेलवे ने माल ढुलाई में 184 मिलियन टन की वृद्धिशील ढुलाई हासिल की। रेलवे कर्मचारियों को मिल रहा ये बोनस उनके लिए एक प्रोत्साहन के तौर पर काम करेगा।
रेलवे कर्मचारियों ने कोरोना महामारी में अपने काम से सबको किया था प्रभावित
कोरोना महामारी के दौरान रेलवे कर्मचारियों ने अपने काम से सभी को प्रभावित किया था। कर्मचारियों द्वारा लॉकडाउन अवधि के दौरान भी दुर्गम स्थानों पर आवश्यक वस्तुओं जैसे भोजन, खाद, कोयला और अन्य वस्तुओं की आवाजाही सुनिश्चित की गई थी। रेलवे की अर्थव्यवस्था को भी अच्छा-खासा लाभ हुआ था।