बुद्ध पूर्णिमा बौद्ध परंपरा में एक महत्वपूर्ण त्योहार है। जिसे बुद्ध जयंती के रूप में भी जाना जाता है। इस दिन भगवान बुद्ध की पूजा की जाती है। इस दिन लोग गंगा सहित पवित्र नदियों में स्नान करते हैं।
Buddha Purnima 2024 : बुद्ध पूर्णिमा बौद्ध परंपरा में एक महत्वपूर्ण त्योहार है। जिसे बुद्ध जयंती के रूप में भी जाना जाता है। इस दिन भगवान बुद्ध की पूजा की जाती है। इस दिन लोग गंगा सहित पवित्र नदियों में स्नान करते हैं। पूजा-पाठ और दान-पुण्य भी किए जाते हैं। थाईलैंड, तिब्बत, चीन, कोरिया, लाओस, वियतनाम, मंगोलिया, कंबोडिया और इंडोनेशिया के साथ-साथ भारत, श्रीलंका, नेपाल, भूटान और तिब्बत सहित कई दक्षिण पूर्व एशियाई देश इस पर्व को खुशी के साथ मनाते हैं। यह राजकुमार सिद्धार्थ गौतम के जन्म का स्मरण कराता है, जो बाद में गौतम बुद्ध के नाम से जाने गए और बौद्ध धर्म की स्थापना की।
बुद्ध पूर्णिमा के दिन बोधगया (Bodh gaya) में दुनियाभर से बौद्ध धर्म मानने वाले आते हैं और बोधि वृक्ष (Bodhi Tree) की पूजा करते हैं। गौतम बुद्ध का जन्म 563 और 483 ईसा पूर्व के बीच नेपाल के लुंबिनी में हुआ था। उनकी मां का नाम मां रानी माया देवी और उनके पिता राजा शुद्धोधन थे।
इस बार भगवान बुद्ध की 2586वीं जयंती है। आइए जानते हैं बुद्ध पूर्णिमा 2024 के दिन पूजा, दान का शुभ मुहूर्त।
वैशाख पूर्णिमा तिथि शुरू – 22 मई 2024, शाम 06.47
वैशाख पूर्णिमा तिथि समाप्त – 23 मई 2024, रात 07.22
पूजा का समय – सुबह 10.35 – दोपहर 12.18
बुद्ध पूर्णिमा का संबंध भगवान बुद्ध के केवल जन्म से नहीं है अपितु वर्षों तक वन में कठोर तपस्या करने के पश्चात बुद्ध पूर्णिमा के दिन ही उन्हें बोधगया में बोधिवृक्ष के नीचे ज्ञान की प्राप्ति हुई थी। इसी दिन गौतम बुद्ध की जयंती और निर्वाण दिवस होता है। इसके पश्चात महात्मा बुद्ध ने अपने ज्ञान के प्रकाश से समूचे विश्व को रोशन किया। वैशाख पूर्णिमा के अवसर पर कुशीनगर में भगवान बुद्ध का महापरिनिर्वाण हुआ। गौतम बुद्ध का जन्म, सत्य का ज्ञान और महापरिनिर्वाण एक ही दिन हुआ था और वो दिन है वैशाख पूर्णिमा।