नई दिल्ली। बजट सत्र शुरू होने से पहले ही विपक्ष मोदी सरकार को घेरने में जुटा हुआ है। कांग्रेस समेत 16 राजनीतिक पार्टियों ने
ने मिलकर 29 फरवरी को बजट सत्र के पहले दिन संसद में राष्ट्रपति के अभिभाषण का बहिष्कार करने का फैसला किया है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजद ने गुरुवार को सभी राजनीतिक दलों की ओर से यह जानकारी दी। बता दें कि, राष्ट्रपति कोविंद के संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को संबोधित करने के साथ शुक्रवार को बजट सत्र का आगाज होगा।
विपक्षी दलों के नेताओं ने एक बयान जारी कर कहा, किसानों की मांगों को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा सरकार अहंकारी, अड़ियल और अलोकतांत्रिक बनी हुई है। सरकार की असंवेदनशीलता से स्तब्ध हम विपक्षी दलों ने तीनों कृषि कानूनों को निरस्त करने की मांग दोहराते हुए और किसानों के प्रति एकजुटता प्रकट करते हुए यह फैसला किया है कि राष्ट्रपति के अभिभाषण का बहिष्कार किया जाएगा।
आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह ने कहा, हम लोग तीन कृषि कानूनों का विरोध करते रहे हैं और करते रहेंगे। इसलिए आम आदमी पार्टी राष्ट्रपति के अभिभाषण का बहिष्कार करेगी और हमारे लोकसभा के सांसद भगवंत मान और राज्य सभा के हम तीन सांसद 29 जनवरी को राष्ट्रपति के अभिभाषण कार्यक्रम में शामिल नहीं होंगे।
ये पार्टियां करेंगी बहिष्कार
कांग्रेस, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी), नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी), डीएमके, तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी), शिवसेना, समाजवादी पार्टी, आरजेडी, सीपीआई (एम), आईजेएमएल, आरसीपी, पीडीपी, एमडीएमके, केरल कांग्रेस और एआईयूडीएफ संसद में राष्ट्रपति के भाषण का बहिष्कार करेंगी। इसके अलावा अकाली दल और आम आदमी पार्टी भी बहिष्कार करेगी