Surya Dev Arghya : जगत को प्रकाशित करने वाले सूर्य देव की पूजा उपासना करने से जीवन में रोग ,शोक, भय ,व्यधि ,बाधा समाप्त हो जाती है। वैदिक ग्रंथ और विज्ञान भी सूर्य के प्रभाव के बारे में बताते है। सूर्य दव की महिमा वर्णन ऋग्वेद में बताया गया है।
Surya Dev Arghya : जगत को प्रकाशित करने वाले सूर्य देव की पूजा उपासना करने से जीवन में रोग ,शोक, भय ,व्यधि ,बाधा समाप्त हो जाती है। वैदिक ग्रंथ और विज्ञान भी सूर्य के प्रभाव के बारे में बताते है। सूर्य दव की महिमा वर्णन ऋग्वेद में बताया गया है।
Diwali 2024 date :हिंदू धर्म के सबसे बड़े पर्व में से एक दिवाली है। इसे रोशनी का पर्व भी कहा जाता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, दिवाली के दिन माता लक्ष्मी घरों में प्रवेश करती हैं। परंपरा के अनुसार,इस दिन घरों में दीए जलाए जाते हैं। गाय के घी का
Devshayani Ekadashi fasting 2024 : जगत के पालनहार भगवान विष्णु लौकिक निद्रा शुरू करने वाले है। आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की ग्यारहवीं तिथि को पड़ने वाली देवशयनी एकादशी को सभी एकादशियों में सबसे खास माना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन भगवान विष्णु योग निद्रा के नाम
Horoscope of 23 June 2024: 23 जून 2024 को रविवार है। हिंदू धर्म में रविवार के दिन सूर्यदेव की पूजा-आराधना का विधान है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार,रविवार के दिन सूर्यदेव की पूजा करने से सभी कार्यों में अपार सफलता मिलती है। आत्मविश्वास में वृद्धि होगी। सूर्यदेव की कृपा से जीवन
Jageshwar Dham : देवभूमि उत्तराखंड में भक्त और भगवान दोनों का निवास स्थल रहा है। इस पवित्र भूमि पर भगवान शिव समेत सप्तऋषियों ने यहां तपस्या की थी। पुराणों के अनुसार, जागेश्वर धाम में जो सबसे अहम शिव मंदिर हैं, उसमें भगवान शिव की पूजा नागेश के रूप में की
Ashadh maah mein tirth yatra: सनातन धर्म में आषाढ़ के महीने का बहुत महत्व होता है। इस दौरान मंगल और सूर्य की पूजा करना शुभ माना जाता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इस महीने में मंगल की पूजा करने से कुंडली में बैठा मंगल अशुभ प्रभाव के बजाय शुभ प्रभाव
Ashada Navratri Aarambh :सनातन धर्म में देवी दुर्गा की उपासना में किया जाने वाला नवरात्रि व्रत का विशेष् महत्व है। चैत्र और शारदीय नवरात्रि के अलावा साधकों के लिए गुप्त नवरात्रि भी बहुत महत्व रखती है। वर्ष में हर तीन महीने बाद एक नवरात्रि आती है। पंचांग के अनुसार, इस
22 जून 2024 का राशिफलः शनिवार का राशिफल आचार्य रत्नाकर तिवारी से जानिए, मिथुन राशि के लोगों की आज राजनीति में पद एवं प्रतिष्ठा बढ़ेगी। मेष – आज का दिन अच्छा हैं। आज निर्माण संबंधी कार्य गति पकड़ेगा। आज संपत्ति मिलेगी। विदेशी यात्रा की इच्छा पूर्ण हो सकती है। वृष
Rahu Ka Nakshatra Parivartan : नवग्रहों में राहु को छाया ग्रह कहा जाता है। राहु अपनी चाल चलते हुए 8 जुलाई 2024 को राहु देव नक्षत्र परिवर्तन करेंगे। इस बार राहु ग्रह रेवती नक्षत्र से निकालकर शनि के मूल नक्षत्र में उत्तरा भाद्रपद में गोचर करेंगे। राहु का प्रभाव सबसे
‘Strawberry Moon’ 2024 : चांद की खूबसूरती की पूरी दुनिया दीवानी है। बढ़ते चांद और घटते चांद को निहारने के लिए लोग घंटो बैठे रहते है। अंतरिक्ष के रहस्यों में से एक दुर्लभ दृश्य 21 जून की रात आसमान में दिखेगा। यह अंतरिक्ष प्रेमियों के लिए एक सुखद अनुभव होने
Chandra Grahan 2024 : ग्रहण लगना खगोल की बहुत आश्चर्यजनक घटना है। ज्योतिष शास्त्र में ग्रहण में सावधानियों की बात कही गई है। ज्योतिष में सूर्य ग्रहण और चंद्र ग्रहण को खास महत्व दिया गया है। इस साल का पहला चंद्र ग्रहण सोमवार, 25 मार्च को लगा था। जबकि, दूसरा
Ashadh Month 2024 Vrat Tyohar List : सनातन धर्म में आषाढ़ के महीने का बहुत महत्व होता है। इस दौरान मंगल और सूर्य की पूजा करना शुभ माना जाता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इस महीने में मंगल की पूजा करने से कुंडली में बैठा मंगल अशुभ प्रभाव के बजाय
21 जून 2024 का राशिफलः शुक्रवार का राशिफल आचार्य रत्नाकर तिवारी से जानिए, सिंह राशि के लोगों को आज के दिन मिलाजुला परिणाम मिलेगा। मेष – आज वाहन चलाते समय बहुत सावधानी बरतें। पार्टनर के साथ क्वालिटी टाइम स्पेंड करें। इससे रिश्तों में प्यार और विश्वास बढ़ेगा। वृष – आज
Haldi Achuk Upay : सनातन धर्म में भगवान विष्णु की पूजा अर्चना का विशेष महत्व है। सप्ताह में गुरुवार का दिन भगवान विष्णु को समर्पित है। ज्योतिष के अनुसार, गुरुवार के दिन देव गुरु बृहस्पति की भी अराधना की जाती है और ऐसा करने से कुंडली में गुरु मजबूत होता
Chaturmas 2024 : चातुर्मास एक तप है। हिंदी पंचांग के अनुसार,चातुर्मास व्रत आषाढ़ मास(Chaturmas Vrat Ashad month) में देव शयनी एकादशी (Devshayani Ekadashi) से शुरू होता है और कार्तिक माह में उत्तरायण एकादशी (kartik maas mein uttarayan ekadashi) पर समाप्त होता है। मान्यताओं के अनुसार, चातुर्मास के दौरान सृष्टि के