आश्चर्य चकितकर देने वाली खगोलीय घटना ग्रहण का विशेष् महत्व है। ग्रहण के बारे में प्राचीन धर्मिक ग्रंथों में वर्णित है कि ये घटना जीव जगत पर अपना प्रभाव ड़ालती है।
Chandra Grahan 2023 : आश्चर्य चकितकर देने वाली खगोलीय घटना ग्रहण(astronomical event eclipse) का विशेष् महत्व है। ग्रहण के बारे में प्राचीन धर्मिक ग्रंथों में वर्णित है कि ये घटना जीव जगत पर अपना प्रभाव ड़ालती है। वैज्ञानिक अभी भी सूर्य, पृथ्वी और हमारे अंतरिक्ष वातावरण (space environment) के बारे में नई खोज करने के लिए ग्रहणों का अध्ययन करते हैं। वैदिक शास्त्र में चन्द्रमा को मन का कारक कहा गया है। कहते हैं कि चन्द्रमा की अनुकूलता (Moon Compatibility) की वजह से से व्यक्ति का स्वभाव शांत और रचनात्मक बनता है। पहला चंद्र ग्रहण 5 मई 2023 को रात 08:45 बजे से 01:00 बजे तक रहेगा। भारत में सूतक काल(sutak period) ग्रहण से करीब 9 घंटे पहले शुरू हो जाएगा। जबकि दूसरा चंद्र ग्रहण 28 अक्टूबर 2023 को दोपहर 01 बजकर 6 मिनट पर शुरू होगा और दोपहर 02 बजकर 22 मिनट पर समाप्त होगा। इस ग्रहण में भी सूतक काल लागू रहेगा।
सूर्य और चंद्र ग्रहण का समय सूतक काल माना जाता है। सूतक के दौरान कुछ नियमों का पालन करना जरूरी है। चंद्र ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा। इसलिए इसका सूतक काल मान्य नहीं होगा। हालांकि सूतक के दौरान मंदिर के कपाट बंद कर दिए जाते हैं। इस दौरान खाने-पीने की मनाही होती है। खासकर गर्भवती महिलाओं को कुछ सावधानियां बरतने की सलाह दी जाती है। वहीं, चंद्र ग्रहण का 12 राशियों पर प्रभाव रहेगा।
साल का पहला चंद्र ग्रहण हिंद महासागर, अंटार्कटिक, अटलांटिक, एशिया के कुछ हिस्सों, दक्षिणी-पश्चिमी यूरोप, अफ्रीका और प्रशांत महासागर से दिखाई देगा।
कर्जों से मुक्ति
चंद्र ग्रहण के दिन सुबह के समय एक ताला खरीद कर लाएं और उसे रात के समय चंद्रमा की रोशनी में रख दें।
ताले को पूरी रात चंद्रमा की रोशनी में रहने दें। इसके बाद सुबह ताले को उठा लाएं और किसी मंदिर में जाकर रख दें। माना जाता है कि ऐसा करने से कर्जों से मुक्ति पाने में आप सक्षम होते हैं और आर्थिक प्रगति होती है।