शिक्षा विभाग के दावे और जमीनी सच्चाई में गहरी खाई नजर आई. इन प्राथमिक विद्यालय में हालात बदतर हैं, न तो किताबें हैं, न यूनिफॉर्म और न ही जरूरी सुविधाएं. स्कूलों के नये सत्र को बीत कई महीने होग गए लेकिन अभी तक बच्चों के पास किताबें नहीं पहुंच सकी है.
मुरादाबाद :- जहां उत्तर प्रदेश सरकार परिषदय विद्यालय को मर्ज कर रही है. लेकिन विद्यालयों कि खस्ता हालत न तो किताबें हैं,न यूनिफॉर्म, और न ही जरूरी सुविधाएं. प्राथमिक विद्यालय में मर्ज हुए विद्यालय में अध्यापक तो मिले लेकिन बच्चे विद्यालय नहीं आ रहे है. गर्मी में विद्यालय में लाइट नहीं होने कि वजह से बच्चे पसीने में लत पथ दिखे तो वही विद्यालय के अध्यापक गर्मी से बचने के लिए बैटरी वाले पंखो के आगे बैठे दिखाई दिए. वही बच्चे कक्षाओं कि जगह बाहर पेड़ के नीचे टाट पर बैठकर पढ़ने पर मजबूर है.
परिषदय विद्यालयों बच्चों के लिए नहीं है किताबें :-
मुरादाबाद ब्लॉक के हसनपुर गढ़ी प्राथमिक विद्यालय और गौहरपुर सुल्तानपुर कम्पोजिट विद्यालय में शिक्षा विभाग के दावे और जमीनी सच्चाई में गहरी खाई नजर आई. इन प्राथमिक विद्यालय में हालात बदतर हैं, न तो किताबें हैं, न यूनिफॉर्म और न ही जरूरी सुविधाएं. स्कूलों के नये सत्र को बीत कई महीने होग गए लेकिन अभी तक बच्चों के पास किताबें नहीं पहुंच सकी है. टाटपट्टी पर पढ़ाई, टूटी टंकी, बंद शौचालय जैसे नजारे गोहरपुर सुलतानपुर कंपोजिट विद्यालय में देखने को मिले. बच्चे कक्षाओं के बाहर जमीन पर टाटपट्टी बिछाकर पढ़ने को मजबूर हैं. स्कूल में शौचालय की व्यवस्था नहीं के बराबर है. पीने के पानी की टंकी टूटी हुई है. शिक्षक-शिक्षिकाएं विद्यालय के बीच लगे पेड़ के नीचे बैठकर आपसी वार्ता में लीन दिखाई दी. जबकि बच्चे खुद पढ़ाई कोशिश करते नजर आए. अध्यापिक शिवानी सक्सेन ने किसी प्रकार की जानकारी देने से इंकार कर दिया.
हसनपुर गढ़ी प्राथमिक विद्यालय में अध्यापकों के द्वारा खुद के लिए की गई व्यवस्था बेहतर मिली. घरों से लाए गए महेंगी कंपनी के बैटरी वाले पखों में अध्यापिका नीतू वाष्णेय के साथ अन्य अध्यापक वार्ता में व्यस्त मिले. हसनपुर गाड़ी प्राथमिक विद्यालय में नवाबपुरा प्राथमिक विद्यालय के मर्जर के बाद भी नवाबपुरा के एक भी बच्चे को लाने में वहां के शिक्षक विफल रहे हैं. नवाबपुरा प्रथामिक विद्यालय की शिक्षका भावना ने बताया कि कक्षा दो में एक भी बच्चा नहीं है. कक्षा 4 और पांच की अभी तक किताबें नहीं मिल पाई. बच्चों को विद्यालय तक लाने के प्रयास के बारे में जानकारी करने पर शिक्षिका भावना ने बताया कि नवाबपुरा विद्यालय हसनपुर गढ़ी विद्यालय से लगभग ढाई से तीन किलो मिटर पड़ता है और बीच में पड़ने वाले हाईवे के डर से अभिभावक बच्चों स्कूल भेजने से मना करहे हैं. कक्षाओं में गंदगी और अव्यवस्था का माहौल है. विद्यालय परिसर में ऊंची ऊंची घांस में जहरीले किड़े भी घुमते रहते है. वहीं अध्यापिका नीमू वाष्णेय ने बताया कि घांस काटने के कई बार प्रधान से कहा गया है लेकिन अभी तक प्रधान ने घास नही कटवाई है. शिक्षा विभाग अधिकारीयों की घोर लापरवाही का खामियाजा उन बच्चों को भुगतना पड़ रहा है. जिनके पास सिमित विकल्प हैं. स्कूलों में बुनियादी सुविधाएं तक नहीं हैं, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की कल्पना बेमानी है.
विद्यालय कि अव्यवस्था पर क्या बोले जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी मुरादाबाद:-
जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी बिमलेश ने बताया कि किताबें लगभग सभी विद्यालयों में पहुंचाई जा चुकी हैं. किसी विद्यालय में शयाद कुछ किताबें नही पहुंची है. लेकिन विद्यालयों अव्यवस्था तो हैड मास्टर और अध्यापकों की जिम्मेदारी है. अगर विद्यालयों में पानी और शौचालय की व्यवस्था खराब है तो उसके के लिए संबंधित अध्यापकों को नोटिस जारी किया जाएगा. साथ जांच के लिए टीम गठित कर विद्यालय की औचक निरीक्षण करा कर कार्रवाई की जाएगी.
सुशील कुमार सिंह
मुरादाबाद