छठ पूजा हिंदू धर्म का बहुत प्राचीन त्यौहार है, जो ऊर्जा के परमेश्वर के लिए समर्पित है जिन्हें सूर्य या सूर्य षष्ठी के रूप में भी जाना जाता है।
छठ पूजा 2021: छठ पूजा हिंदू धर्म का बहुत प्राचीन त्यौहार है, जो ऊर्जा के परमेश्वर के लिए समर्पित है जिन्हें सूर्य या सूर्य षष्ठी के रूप में भी जाना जाता है। छठ पूजा उत्तर भारत का एक बेहद महत्वपूर्ण त्योहार है। खासतौर पर उत्तरप्रदेश और बिहार के लिए छठ पर्व दिवाली जितना ही महत्वपूर्ण माना जा सकता है। महापर्व छठ दीपावली के 6 दिन बाद कार्तिक महीने की की षष्ठी यानी छठी तिथि को मनाया जाता है। नहाए खाए के साथ शुरु होने वाले इस पर्व में व्रती और महिलाएं 36 घंटे तक निर्जला व्रत रखती हैं एवं सूर्य देव और छठी मइया की अराधना करती हैं। इस व्रत में सुबह और शाम के अर्घ्य देने की परंपरा है।
पौराणिक मान्यता
पौराणिक मान्यता ये भी है कि श्रीकृष्ण ने उत्तरा को ये व्रत रखने और पूजन करने का सुझाव दिया था। महाभारत युद्ध के बाद जब गर्भ में ही अभिमन्यु और उत्तरा के पुत्र का वध कर दिया गया था। तब उस जान को बचाने के लिए भगवान कृष्ण ने उत्तरा का षष्ठी व्रत करने के लिए कहा। इसलिए इस व्रत को संतान की लंबी आयु की कामना के लिए भी माना जाता है।
मान्यताओं के अनुसार, छठ पर्व पर सूर्यदेव को जल का अर्घ्य देने का विधान है। इस पर्व पर सूर्य को अर्घ्यज देने और स्नान करने का विशेष महत्व है। इसलिए यह पूजा साफ सुथरी नदी या तालाब के किनारे की जाती है।
छठ पर्व की तारीख :
08 नवंबर 2021, सोमवार – नहाय-खाय
99 नवंबर 2021, मंगलवार – खरना
10 नवंबर 2021, बुधवार – डूबते सूर्य का अर्घ्य
11 नवंबर 2021, गुरुवार – उगते सूर्य का अर्घ्य
अर्घ्य देने का शुभ मुहूर्त –
सूर्यास्त का समय (संध्या अर्घ्य): – 10 नवंबर, 05:30 PM
सूर्योदय का समय (उषा अर्घ्य) – 11 नवंबर, 06:40 AM