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वैक्सीन डिप्लोमेसी में चीन पीछे छूटा, भारत ने 20 देशों को भेजीं 2.3 करोड़ खुराकें

By टीम पर्दाफाश 
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नई दिल्ली: भारत ने दुनियाभर के 20 देशों के लिए करीब 2 करोड़ 30 लाख कोविड-19 वैक्सीन के डोज भेजे हैं। भारत की तरफ से कोरोना वैक्सीन की यह आपूर्ति मदद और व्यवसायिक दोनों लिहाज की गई है। वैक्सीन के 64 लाख डोज अनुदान के तौर पर और 165 लाख डोज व्यवसायिक आधार पर भेजे गए हैं। आने वाले सप्ताह में अफ्रीका और लैटिन अमेरिका के कई अन्य देशों में भी आपूर्ति की जाएगी।

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भारत ने मैत्री इनिसिएटिव के तौर पर जरूरतमंद देशों को अनुदान के रूप में वैक्सीन भेजने का निर्णय लिया है। भारत ने पड़ोसी देशों को सबसे पहले वैक्सीन आपूर्ति करने का निर्णय ‘पड़ोसी पहले’ नीति के तहत किया है। 21 जनवरी से शुरू हुई इस मुहिम की वजह से दुनियाभर में भारत की सराहना हो रही है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने बताया कि वैश्विक टीका आपूर्ति को भारत आगे बढ़ाना जारी रखेगा और चरणबद्ध तरीके से इसमें कई और देशों को शामिल किया जाएगा। उन्होंने बताया कि
भारत के पड़ोसी देशों के अलावा भारतीय समुद्रीय, कैरिबियन देशों और पश्चिमी एशियाई देशों में भी भारत वैक्सीन की आपूर्ति कर रहा है।

कोविशील्ड ने भारत को ‘वैक्सीन डिप्लोमेसी’ में चीन से आगे कर दिया है। चीन की वैक्सीन को कुछ मुट्ठीभर देशों ने ही मान्यता दी है, जबकि भारत की वैक्सीन को दुनिया के ज्यादातर देशों ने मान्यता दी है। चीन ने नेपाल और पाकिस्तान को ही वैक्सीन की आपूर्ति की है। अनुदान के तौर पर कोरोना वायरस टीके की खुराकें बांग्लादेश (20 लाख), म्यांमार (17 लाख), नेपाल (10 लाख), भूटान (1.5 लाख), मालदीव (एक लाख), मॉरीशस (एक लाख), सेशेल्स (50,000), श्रीलंका (पांच लाख), बहरीन (एक लाख), ओमान (एक लाख), अफगानिस्तान (पांच लाख), बारबडोस (एक लाख) और डोमिनिका (70,000) को भेजी गई हैं।

उन्होंने बताया कि वाणिज्यिक आधार पर ब्राजील (20 लाख), मोरक्को (60 लाख), बांग्लादेश (50 लाख), म्यांमार (20 लाख), इजिप्ट (50,000), अल्जीरिया (50,000), दक्षिण अफ्रीका (10 लाख), कुवैत (दो लाख), यूएई (दो लाख) को टीके की आपूर्ति की गई है। उन्होंने कहा कि आगामी हफ्तों में अफ्रीका, लैटिन अमेरिका, केरीकॉम, प्रशांत क्षेत्र समेत अन्य देशों को टीके की आपूर्ति की जाएगी। 20 कैरेबियाई देश हैं जहां करीब 1.6 करोड़ की आबादी है।

डोमनिका जैसे छोटे देश में भारत की तरफ से अनुदान के रूप में भेजी गई वैक्सीन वहां की लगभग आधी जनसंख्या के वैक्सीनेशऩ के लिए पर्याप्त होगी। यहां के प्रधानमंत्री रूजवेल्ट स्करीट ने भारत की तरफ से की गई इस मदद के लिए आभार जताया है। उन्होंने कहा भारत हमारी प्रार्थना का जवाब इतनी सहृदयता के साथ देगा, हमें इसका बिल्कुल अंदाजा नहीं था। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव से पूछने पर कि क्या कनाडा को भी टीका भेजा जाएगा, उन्होंने सीधा जवाब नहीं दिया। गौरतलब है कि बुधवार को कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो ने इस बारे में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बात की थी। श्रीवास्तव ने कहा, आपूर्ति इस बात पर निर्भर करेगी कि वैक्सीन का उत्पादन कितना है और देश में वैक्सीनेशन के लिए हमारे पास कितना भंडार है।

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