चीन भारत से द्विपक्षीय बातचीत को शुरू करने और चीन में ब्रिक्स (ब्राजील-रूस-भारत-चीन-दक्षिण अफ्रीका) शिखर सम्मेलन के लिए मंच तैयार करने के लिए दिल्ली से बेहतर संबंध चाहता है। यही कारण है कि चीनी विदेश मंत्री वांग यी मार्च आखिर में भारत दौरे पर आ रहे हैं। बता दें कि भारत और चीन के बीच पिछले करीब दो सालों से संबंध खराब रहे हैं।
नई दिल्ली। चीन भारत से द्विपक्षीय बातचीत को शुरू करने और चीन में ब्रिक्स (ब्राजील-रूस-भारत-चीन-दक्षिण अफ्रीका) शिखर सम्मेलन के लिए मंच तैयार करने के लिए दिल्ली से बेहतर संबंध चाहता है। यही कारण है कि चीनी विदेश मंत्री वांग यी मार्च आखिर में भारत दौरे पर आ रहे हैं। बता दें कि भारत और चीन के बीच पिछले करीब दो सालों से संबंध खराब रहे हैं। इस बीच चीन ने ऐसे संकेत दिए हैं कि वह भारत से बेहतर रिश्ते चाहता है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक चीनी विदेश मंत्री वांग यी 24 मार्च के करीब भारत के दौरे पर आ सकते हैं। इसके बाद भी कई दौरे प्रस्तावित हैं। ऐसे में इस स्टोरी के माध्यम से हम यह समझने की कोशिश करेंगे कि चीन क्यों भारत से बेहतर संबंध बनाना चाह रहा है। रिपोर्ट मुताबिक वांग यी के भारत दौरे के बाद भारत के विदेश मंत्री सुब्रमण्यम जयशंकर चीन दौरे पर जाएंगे।
इसके बाद चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के टॉप पोलित ब्यूरो के सदस्य भारत का दौरा करेंगे। चीन ने दोनों देशों में ‘भारत-चीन सभ्यता संवाद’ आयोजित करने का प्रस्ताव भी दिया है। बीजिंग की ओर से भारत-चीन व्यापार, निवेश सहयोग मंच और भारत-चीन फिल्म फोरम का भी प्रस्ताव रखा गया है। लेकिन चीन का अंतिम मकसद पीएम मोदी को ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में मेजबानी करना है। इसमें रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भी भाग लेंगे। ब्रिक्स सम्मेलन के साथ ही चीन को इस साल RIC (रूस-भारत-चीन) सम्मेलन की भी अध्यक्षता करनी है।