लोक जनशक्ति पार्टी (एलजेपी) में टूट के बाद चिराग पासवान का दर्द छलका है। उन्होंने एक बार फिर दर्द भरा पत्र जारी किया है। उन्होंने इस पत्र के जरिए पार्टी में टूट के लिए जेडीयू और सीएम नीतीश कुमार कसूरवार ठहराया है। वहीं, चाचा पशुपति पारस पर विश्वासघात करने का आरोप भी लगाया।
नई दिल्ली। लोक जनशक्ति पार्टी (एलजेपी) में टूट के बाद चिराग पासवान का दर्द छलका है। उन्होंने एक बार फिर दर्द भरा पत्र जारी किया है। उन्होंने इस पत्र के जरिए पार्टी में टूट के लिए जेडीयू और सीएम नीतीश कुमार कसूरवार ठहराया है। वहीं, चाचा पशुपति पारस पर विश्वासघात करने का आरोप भी लगाया।
चिराग ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट कर अपना पत्र जनता और पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ साझा किया है। पत्र में चिराग ने नेता दल (यूनाइटेड) पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने हमेशा हमारी पार्टी को तोड़ने का काम किया। उन्होंने पत्र में लिखा है कि 2005 फरवरी के चुनाव में हमारे 29 विधायकों को तोड़ा गया और साथ ही साथ हमारे बिहार प्रदेश के अध्यक्ष को भी तोड़ने का काम किया गया।
प्रिय साथियों
उम्मीद करता हूँ आप सभी स्वस्थ होंगे, यकीनन पिछला एक साल सभी के लिए कठिन रहा है। कोरोना महामारी की पहली व दूसरी में हम सब ने कुछ ना कुछ खोया है … pic.twitter.com/tbwEJAESjZ
— युवा बिहारी चिराग पासवान (@iChiragPaswan) June 22, 2021
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उसके बाद 2020 में जीते हुए एक विधायक को भी तोड़ने का काम जेडीयू ने किया। आज लोक जनशक्ति पार्टी के 5 सांसदों को तोड़ जनता दल (यूनाइटेड) ने अपनी बांटो और शासन करो की रणनीति को दोहराया है। चिराग ने आगे लिखा कि रामविलास पासवान के जीवनकाल में कई बार नीतीश कुमार की ओर से उनकी राजनीतिक हत्या का प्रयास किया गया।
दलित व महादलित में बंटवारा करवाना उसी का एक उदाहरण है। उन्होंने मुझे और मेरे पिता को अपमानित करने का और राजनीतिक तौर पर समाप्त करने का कोई मौका नहीं छोड़ा। इतना कुछ होने पर भी रामविलास पासवान नहीं झुके। लोकसभा के चुनाव में हमारे 6 सांसदों को हराने में जनता दल (यूनाइटेड) के नेताओं ने कोई कसर नहीं छोड़ी।