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जलवायु परिवर्तन ने व्यापक स्तर पर कृषि को नकारात्मक रूप से प्रभावित किया : डॉ. दिनेश शर्मा

उद्यानिकी कृषि अनुसंधान समिति लखनऊ के तरफ से रविवार 11 सितंबर को 'जलवायु परिवर्तन में कृषि उत्पादकता और कृषि अर्थव्यवस्था में सुधारः चुनौतियां एवं सम्भावनायें' विषय पर एक दिवसीय अंर्तराष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन किया गया।

By संतोष सिंह 
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लखनऊ। उद्यानिकी कृषि अनुसंधान समिति लखनऊ के तरफ से रविवार 11 सितंबर को ‘जलवायु परिवर्तन में कृषि उत्पादकता और कृषि अर्थव्यवस्था में सुधारः चुनौतियां एवं सम्भावनायें’ विषय पर एक दिवसीय अंर्तराष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन किया गया। सेमिनार के मुख्य अतिथि यूपी के पूर्व उपमुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा, योगी सरकार में कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही, लखनऊ की महापौर संयुक्ता भाटिया ने कहा डॉ. इन्द्र कुमार चौरसिया द्वारा आयोजित इन्टरनेशनल सेमिनार जो जलवायु परिवर्तन में कृषि उत्पादकता और कृषि अर्थव्यवस्था मे सुधार: चुनौतियां एवं सम्भावनाओं पर संगोष्ठी जो कि आज के समय में अच्छा विषय है।

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यूपी के पूर्व उपमुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने कहा कि जलवायु में दिखने वाले ये परिवर्तन लंबे समय का परिणाम है जिसके न केवल क्षेत्रीय एवं वैश्विक प्रभाव देखने को मिल रहे हैं बल्कि संपूर्ण विश्व जलवायु परिवर्तन से प्रभावित हो रहा है। उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन प्राकृतिक एवं मानवीय दोनों कारणों से हो रहा है जिसमें मानवीय कारणों का अधिक योगदान है। डॉ. दिनेश शर्मा ने कहा कि मानवीय कारणों में निम्नलिखित मानवीय गतिविधियों को देखा जा सकता है। ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन यथा कार्बनडाई आक्साइड, मीथेन, नाइट्रस ऑक्साइड, सल्फरडाई ऑक्साइड आदि के उत्सर्जन में वृद्धि पृथ्वी के औसत तापमान में वृद्धि का एक प्रमुख कारण है।

उन्होंने कहा कि कृषि को जलवायु परिवर्तन ने व्यापक स्तर पर नकारात्मक रूप से प्रभावित किया है। भारत की अधिकांश कृषि वर्षा आधारित है जिस पर मानसून की अनिश्चितता बनी रहती है। जलवायु परिवर्तन के कारण मानसून और अधिक अनिश्चितता हुआ है। साथ ही वर्षा के असामान्य वितरण से कहीं बाढ़ तो कहीं सूखा जैसी स्थितियाँ दृष्टिगोचर हो रही हैं।

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लखनऊ की महापौर संयुक्ता भाटिया ने कहा कि जलवायु किसी भी देश के रहन-सहन, खान-पान कृषि अर्थव्यवस्था आदि के निर्धारण में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाती है। भारत में लगभग 60 प्रतिशत लोग अपनी आजीविका हेतु कृषि पर निर्भर हैं। उन्होंने कहा कि वर्तमान में भारत सहित संपूर्ण विश्व जलवायु परिवर्तन की समस्या से जूझ रहा है। पर्यावरण में अनेक परिवर्तन हो रहे हैं यथा तापमान में बढ़ोत्तरी, वर्षा में कमी, हवाओं की दिशा में परितर्वन आदि प्रभाव दृष्टिगोचर हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि मैं यहां आये हुए कृषि वैज्ञानिकों, प्रोफेसर, स्टूडेन्टस को इस विषय पर कृषि एवं प्राकृतिक संसाधनों की खोज एवं पर्यावरण सुरक्षा में एक महत्वपूर्ण कदम होगा। मैं इनको इस इन्टरनेशनल सेमिनार के लिए बधाई देती हूं।

सेमिनार के अन्त में उद्यानिकी कृषि अनुसंधान के चेयरमैन डॉ. इन्द्र कुमार चौरसिया ने आये हुए अतिथियों को धन्यवाद दिया।

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