HBE Ads
  1. हिन्दी समाचार
  2. उत्तर प्रदेश
  3. CM Yogi Big Decision : कांवड़ रूट पर दुकान संचालकों को लिखना होगा नाम, हलाल प्रोडक्ट बेचा तो होगा एक्शन

CM Yogi Big Decision : कांवड़ रूट पर दुकान संचालकों को लिखना होगा नाम, हलाल प्रोडक्ट बेचा तो होगा एक्शन

यूपी के मुख्यमंत्री योगी ने कांवड़ यात्रियों (Kanwar Pilgrims) के लिए बड़ा शुक्रवार को बड़ा कदम उठाया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) ने कहा कि पूरे यूपी में कांवड़ मार्गों पर खाने पीने की दुकानों पर संचालक मालिक का नाम पहचान लिखना होगा।

By संतोष सिंह 
Updated Date

लखनऊ। यूपी के मुख्यमंत्री योगी ने कांवड़ यात्रियों (Kanwar Pilgrims) के लिए बड़ा शुक्रवार को बड़ा कदम उठाया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) ने कहा कि पूरे यूपी में कांवड़ मार्गों पर खाने पीने की दुकानों पर संचालक मालिक का नाम पहचान लिखना होगा। उन्होंने कहा कि कांवड़ यात्रियों (Kanwar Pilgrims)  की आस्था की शुचिता बनाए रखने के लिए यह फैसला लिया गया है। इसके अलावा हलाल सर्टिफिकेशन (Halal Certification) वाले प्रोडक्ट बेचने वालों पर भी कड़ी कार्रवाई होगी। उधर, इस फैसले का अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) और मायावती (Mayawati) ने कड़ा विरोध किया है।

पढ़ें :- अखिलेश यादव ने वीडियो शेयर कर लिखा, चुनाव आयोग वोटिंग कम करवाने की इस साज़िश को करे नाकाम

व्रत, त्योहार और कांवड़ यात्रा के नियमों का उल्लंघन नहीं होना चाहिए : डॉ.दिनेश शर्मा

यूपी के मुख्यमंत्री योगी ने कांवड़ यात्रियों (Kanwar Pilgrims) के लिए बड़ा शुक्रवार को बड़ा कदम उठाया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) ने कहा कि पूरे यूपी में कांवड़ मार्गों पर खाने पीने की दुकानों पर संचालक मालिक का नाम पहचान लिखना होगा। इस फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए भाजपा के राज्यसभा सांसद और यूपी के पूर्व डिप्टी सीएम डॉ.दिनेश शर्मा ने कहा कि यह एक स्वागत योग्य कदम है और लोगों में आपसी सौहार्द बढ़ाने के लिए सरकार ने यह आदेश जारी किया है। डॉ.दिनेश शर्मा ने कहा कि करीब 40-50 फीसदी लोग दुकान के नीचे अपने मालिक का नाम लिखते हैं, मुझे लगता है कि संवैधानिक व्यवस्था में दी गई धार्मिक आस्था के सम्मान और संरक्षण की भावना के तहत यह एक बेहतर प्रयास है। उन्होंने कहा कि हिंदू और मुसलमान साथ-साथ चलें, रामलीला में मुसलमान पानी पिलाएं तो लोग पानी पीएं और ईद पर हिंदू उनका स्वागत करें, इस पर कोई आपत्ति नहीं है लेकिन व्रत, त्योहार और कांवड़ यात्रा के नियमों का उल्लंघन नहीं होना चाहिए। इसी मंशा से यह फैसला एक स्वागत योग्य कदम है।

भाजपा की नीति और नीयत दोनों विभाजनकारी हैं, जिसे समझ चुकी है जनता : अखिलेश यादव

सपा प्रमुख अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने आरोप लगाया कि भाजपा सामाजिक सद्भाव की दुश्मन है। समाज का भाईचारा बिगाड़ने का कोई न कोई बहाना ढूंढ़ती रहती है। भाजपा की इन्हीं विभाजनकारी नीतियों के चलते प्रदेश का सामाजिक वातावरण प्रदूषित हो रहा है। उन्होंने कहा कि कांवड़ यात्रा (Kanwar Yatra) को लेकर मुजफ्फरनगर पुलिस (Muzaffarnagar Police) ने नया फरमान जारी किया है कि ठेले-ढाबे सहित सभी दुकानदार अपना नाम बाहर जरूर लिखें। इसके पीछे सरकार की मंशा अल्पसंख्यक वर्ग को समाज से अलग बांटने और उन्हें शक के दायरे में लाने की है। जिसका नाम गुड्डू, मुन्ना, छोटू या फत्ते है, उसके नाम से क्या पता चलेगा। अखिलेश ने कहा कि भाजपा की नीति और नीयत दोनों विभाजनकारी हैं, जिसे जनता समझ चुकी है। उन्होंने मांग की कि न्यायालय स्वतः संज्ञान ले और प्रशासन के पीछे के शासन तक की मंशा की जांच करवाकर उचित कार्रवाई करें।

पढ़ें :- Jhansi Medical College Fire Accident : जब 30 से 40 प्रतिशत चलेगा कमीशन का खेल,तो मेडिकल कॉलेज व अस्पतालों में कैसे रुकेंगे हादसे?

सौहार्दपूर्ण माहौल को बिगाड़ सकता है मुजफ्फरनगर पुलिस का आदेश : मायावती

बसपा की राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री मायावती (Mayawati) ने कहा कि कांवड़ यात्रा मार्ग (Kanwar Yatra Route) के दुकानदारों का नाम लिखने का मुजफ्फरनगर पुलिस का फरमान गलत परंपरा है। यह सौहार्दपूर्ण माहौल को बिगाड़ सकता है। जनहित में प्रदेश सरकार को इस आदेश को तत्काल वापस लेना चाहिए। बसपा सुप्रीमो ने गुरुवार को एक्स पर जारी अपने बयान में कहा कि पश्चिमी यूपी व मुजफ्फरनगर के कांवड़ यात्रा रूट में पड़ने वाले सभी होटल, ढाबा, ठेला आदि के दुकानदारों को मालिक का पूरा नाम प्रमुखता से प्रदर्शित करने का नया सरकारी आदेश गलत परंपरा है। वहीं दूसरी ओर उन्होंने संभल जिले में स्कूली बच्चों के जूते उतारने के मामले पर कहा कि जिला प्रशासन द्वारा सरकारी बेसिक स्कूलों में शिक्षक व छात्रों को कक्षा में जूते-चप्पल उतार कर जाने का अनुचित आदेश भी चर्चा में है। इस मामले में भी राज्य सरकार को तत्काल ध्यान देना चाहिए।

इन टॉपिक्स पर और पढ़ें:
Hindi News से जुड़े अन्य अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें फेसबुक, यूट्यूब और ट्विटर पर फॉलो करे...