देश में कोयले की डिमांड लगातार तेज हो रही है, जिसके चलते आयात पर निर्भरता बढ़ रही है। इस कारण सरकार देश में कोयले के उत्पादन को बढ़ाने के लिए लगातार प्रयास कर रही है, जिसमें कोल माइनिंग में प्राइवेट सेक्टर की भागीदारी बढ़ाना भी शामिल है।
Coal Mines Auction: देश में कोयले की डिमांड लगातार तेज हो रही है, जिसके चलते आयात पर निर्भरता बढ़ रही है। इस कारण सरकार देश में कोयले के उत्पादन को बढ़ाने के लिए लगातार प्रयास कर रही है, जिसमें कोल माइनिंग में प्राइवेट सेक्टर की भागीदारी बढ़ाना भी शामिल है।इसके लिए सरकार नए राउंड में फिर से कई कोयला खदानों की नीलामी करने जा रही है।
नीलामी का दौर कल से शुरू
कोयला मंत्रालय ने इस सप्ताह की शुरुआत में बताया कि जल्द ही कोयला खदानों की आठवें दौर की नीलामी की जाएगी। आठवें दौर की नीलामी में बोली लगाने के लिए कुल 39 कोयला खदानें उपलब्ध होंगी। कोयला खदानों की आठवें दौर की नीलामी की शुरुआत कल बुधवार 15 नवंबर से होने जा रही है। इस नीलामी में नई खदानों के अलावा कुछ पुरानी खदानें भी शामिल होंगी।
कुछ पुरानी खदानों की भी नीलामी
कोयला मंत्रालय के अनुसार, आठवें दौर की प्रस्तावित नीलामी में 35 नई खदानें शामिल हैं। इनमें 11 की नीलामी कोल माइन्स (स्पेशल प्रोविजन्स) एक्ट के तहत होगी, जबकि 24 खदानें एमएमडीआर एक्ट के तहत नीलाम की जाएंगे। इनके अलावा सातवें दौर की चार वैसी खदानों को भी नीलाम करने का दूसरा प्रयास किया जाएगा, जिन्हें पिछले दौर की बोली में नीलाम नहीं किया जा सका था।
सरकार को इस बात का यकीन
सरकार का मानना है कि कमर्शियल कोल माइनिंग के लिए कोयला खदानों की नीलामी देश में उत्पादन बढ़ाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। सरकार को लगता है कि कोयले की कमर्शियल माइनिंग के लिए नीलामी करने से इस दिशा में प्राइवेट सेक्टर की भागीदारी बढ़ेगी, जो देश में कोयले के उत्पादन को बढ़ाने में मददगार साबित होगा। इस तरह देश की बढ़ती मांग को पूरा करना आसान होगा।
बंद खदानों से बनेगी बिजली
इससे पहले पिछले सप्ताह शुक्रवार को सरकार ने बताया कि बंद 20 ऐसी खदानों की पहचान की गई है, जिनका इस्तेमाल पम्प स्टोरेज प्रोजेक्ट के तहत किया जा सकता है। इसके लिए उन 20 खदानों का मूल्यांकन किया जाएगा। कोल इंडिया (Coal India) के अलावा एनएलसीआईएल (NLCIL) ने भी पम्प स्टोरेज प्रोजेक्ट के लिए खदानों की स्टडी की है। पम्प स्टोरेज प्रोजेक्ट के तहत ऐसे पावर प्लांट बनाए जाते हैं, जिनमें गुरुत्वाकर्षण का इस्तेमाल कर बिजली का उत्पादन किया जाता है।