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कांग्रेस और बीआरएस वोट बैंक की राजनीति में लिप्त हैं और गले तक भ्रष्टाचार में डूबे हुए हैं: अमित शाह

अमित शाह ने कहा, तेलंगाना सरकार का स्टीयरिंग व्हील ओवेसी के हाथ में है, भले ही सरकार बीआरएस की हो या कांग्रेस की। इन दोनों पार्टियों ने तुष्टिकरण के अपने एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए सरकार चलाने का काम को आउटसोर्स कर दिया है। इस दौरान उन्होंने केजरीवाल पर भी जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा, सुप्रीम कोर्ट ने केजरीवाल को अंतरिम बेल सिर्फ और सिर्फ चुनाव प्रचार के लिए दिया है।

By शिव मौर्या 
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हैदराबाद। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह हैदराबाद, तेलंगाना में प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि, चुनाव के पिछले तीन चरणों में बीजेपी के नेतृत्व वाला एनडीए और उसके घटक दल 200 सीटों के आंकड़े तक पहुंच गए हैं। हमें चौथे चरण से अच्छे नतीजों की उम्मीद है और हम 400 सीटों के अपने लक्ष्य की ओर आगे बढ़ेंगे। चौथे चरण में आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में चुनाव होना है। दोनों राज्यों में एनडीए और बीजेपी क्लीन स्वीप करेगी।

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उन्होंने कहा कि, भारत की अर्थव्यवस्था को मोदी जी ने कुशलतापूर्वक संभाला है। हम भाग्यशाली हैं कि हमें मोदी जी जैसा नेता मिला। वहीं, राहुल यान 20 बार असफल लॉन्च हो चुका है और 21वीं बार उसे लॉन्च करने की कोशिश की जा रही है। इसके साथ ही कहा, कांग्रेस और बीआरएस वोट बैंक की राजनीति में लिप्त हैं और वे गले तक भ्रष्टाचार में डूबे हुए हैं। परिवारवाद, भ्रष्टाचार, कुशासन और तुष्टीकरण ये चार बुराइयां हैं जिनसे तेलंगाना के लोगों को बहुत परेशानी हुई है। मुझे यकीन है कि इस बार, तेलंगाना के लोग हमें राज्य से रिकॉर्ड संख्या में सांसद देंगे।

अमित शाह ने कहा, तेलंगाना सरकार का स्टीयरिंग व्हील ओवेसी के हाथ में है, भले ही सरकार बीआरएस की हो या कांग्रेस की। इन दोनों पार्टियों ने तुष्टिकरण के अपने एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए सरकार चलाने का काम को आउटसोर्स कर दिया है। इस दौरान उन्होंने केजरीवाल पर भी जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा, सुप्रीम कोर्ट ने केजरीवाल को अंतरिम बेल सिर्फ और सिर्फ चुनाव प्रचार के लिए दिया है।

उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के सामने केस दायर किया था कि मेरी गिरफ्तारी गलत है, जिसको सुप्रीम कोर्ट ने नहीं माना। फिर मोडिफाई किया कि मुझे बेल दिया जाए, वो भी सुप्रीम कोर्ट ने नहीं माना। सिर्फ और सिर्फ चुनाव प्रचार करने के लिए एक तारीख तक का बेल मिला है, 2 तारीख को फिर उन्हें सरेंडर करना है। अगर अरविंद केजरीवाल इसको क्लीनचिट मानते हैं तो उनकी कानून की समझ बहुत ही निर्बल है।

 

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