नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी की वरिष्ठ नेता और केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने शुक्रवार को कांग्रेस और राहुल गांधी पर किसान आंदोलन की आड़ में देश को हिंसा की आग में झोंकने की साजिश रचने का आरोप लगाया। ईरानी ने कांग्रेस सांसद राहुल गांधी की प्रेस कांफ्रेंस पर टिप्पणी करते हुए कहा कि उन्होंने राष्ट्र के खिलाफ खुलेआम चुनौती दी है। प्रेस वार्ता में आज राहुल गांधी ने एलान कर दिया कि 72वें गणतंत्र दिवस पर दिल्ली में हिंसा का जो तांडव देश ने देखा है, हिंसा की वह आग जल्द ही देश के हर शहर यहां तक कि स्लम बस्तियों तक फैलेगी और देश की जनता देखेगी।
भाजपा मुख्यालय पर प्रेस कांफ्रेंस करते हुए स्मृति ईरानी ने कहा, 26 जनवरी को दिल्ली में हिंसा का जो उपद्रव देश ने देखा, उसमें दिल्ली पुलिस के लगभग चार सौ जवान घायल हुए। देश वह मंजर कभी भी नहीं भूलेगा, जब दिल्ली पुलिस के जवानों और मीडिया कर्मियों को ट्रैक्टर से कुचलने की कोशिश की गई, लेकिन आज राहुल गांधी के मुख से न तो उन घायल दिल्ली पुलिस के जवानों के लिए सांत्वना के लिए शब्द निकले और न ही मीडिया कर्मियों के प्रति संवेदना के स्वर ही सुनाई दिए।
स्मृति ईरानी ने कहा, राहुल गांधी वो नेता हैं जो चाहते हैं कि देश भर में कानून-व्यवस्था की स्थिति भंग हो, राहुल गांधी वो नेता हैं जो चाहते हैं कि अराजक तत्व देश में न केवल तिरंगे का अपमान करें बल्कि देश को भी तोड़ने का दुस्साहस करें। मैं आप सबसे अपील करना चाहती हूं कि हम सबको मिल कर राहुल गांधी के हर नापाक मंसूबों को नाकामयाब करना होगा।
केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा कि, राहुल गांधी खुलेआम भड़काऊ बयान देते हैं कि पूरे देश में आग लग जाएगी। इस बयान से उनका ही चेहरा बेनकाब हुआ है। यह पहली बार नहीं है जब कांग्रेस पार्टी और राहुल गांधी ने निर्दोषों के खून से अपनी राजनीति चमकाने का प्रयास किया है। कांग्रेस ने हमेशा देश को बांट कर नफरत की राजनीति करने का कुत्सित प्रयास किया, लेकिन देश की जागरुक जनता उनके नापाक मंसूबों को कभी भी कामयाब नहीं होने देगी।
केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा कि, जब भी संसद में किसानों के मुद्दे पर बहस होती है तो राहुल गांधी संसद से गायब रहते हैं। जनता की ओर से लगातार नकारे जाने के बाद कांग्रेस पार्टी हताश और निराश हैं। वे वास्तव में वैचारिक दिवालियापन का शिकार हो गए हैं। राहुल गांधी एंड कंपनी का केवल एक ही मकसद है- देश में हिंसा और अराजकता फैलाना एवं किसानों की आड़ में अपने राजनीतिक स्वार्थ की सिद्धि करना।