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सुप्रीम कोर्ट में वक्फ संशोधन विधेयक की संवैधानिकता को चुनौती देगी कांग्रेस: जयराम रमेश

Waqf Amendment Bill: विपक्ष के कड़े विरोध के बीच वक्फ संशोधन बिल लोकसभा के बाद राज्यसभा में भी पारित हो गया है। उच्च सदन में वक्फ बिल के पक्ष में 128 वोट पड़े जबकि 95 सदस्यों ने इसके विरोध में वोट दिया। अब राष्ट्रपति की मंजूरी मिलने के बाद यह विधेयक कानून बन जाएगा। हालांकि, कांग्रेस ने इस बिल की संवैधानिकता को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने का ऐलान किया है।

By Abhimanyu 
Updated Date

Waqf Amendment Bill: विपक्ष के कड़े विरोध के बीच वक्फ संशोधन बिल लोकसभा के बाद राज्यसभा में भी पारित हो गया है। उच्च सदन में वक्फ बिल के पक्ष में 128 वोट पड़े जबकि 95 सदस्यों ने इसके विरोध में वोट दिया। अब राष्ट्रपति की मंजूरी मिलने के बाद यह बिल कानून बन जाएगा। हालांकि, कांग्रेस ने इस बिल की संवैधानिकता को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने का ऐलान किया है।

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कांग्रेस के महासचिव जयराम रमेश ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, ‘कांग्रेस द्वारा सीएए, 2019 को चुनौती देने पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हो रही है। आरटीआई अधिनियम, 2005 में 2019 के संशोधनों को कांग्रेस द्वारा चुनौती देने पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हो रही है। चुनाव संचालन नियम (2024) में संशोधनों की वैधता को लेकर कांग्रेस द्वारा चुनौती पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हो रही है। पूजा स्थल अधिनियम, 1991 की मूल भावना को बनाए रखने के लिए कांग्रेस द्वारा किए गए हस्तक्षेप पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हो रही है।’

जयराम रमेश ने आगे लिखा, ‘कांग्रेस बहुत जल्द ही वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024 की संवैधानिकता को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देगी। हमें पूरा विश्वास है और हम भारत के संविधान में निहित सिद्धांतों, प्रावधानों और प्रथाओं पर मोदी सरकार के सभी हमलों का विरोध करना जारी रखेंगे।’

कांग्रेस अध्यक्ष खरगे का बड़ा बयान

कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन ने बड़ा आरोप लगाते हुए एक्स पोस्ट में लिखा, ‘Waqf Board Amendment Bill के बारे में देश में ऐसा माहौल बना है कि Minorities को तंग करने के लिए ये बिल लाया गया है। लोकसभा में देर रात ये बिल पास हुआ तो इसके पक्ष 288 और विपक्ष में 232 वोट पड़े। ऐसा क्यों हुआ? इसका मतलब बिल में बहुत खामियां हैं। इसी से अंदाजा लगा सकते है कि विभिन्न दलों के विरोध के बाद भी मनमानी से ये बिल लाया गया। ये “जिसकी लाठी, उसकी भैंस” – किसी के लिए ठीक नहीं होगा !’

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