कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने रविवार को पार्टी कार्यकर्ताओं से कहा कि सिस्टम फेल हो गया है। इसीलिए वे सभी राजनीतिक गतिविधियों को छोड़ कोरोना वायरस के खिलाफ इस जंग में लोगों का साथ दें। उन्होंने कहा कि यह वक्त लोगों की बेहतरी के बारे में बातें करने का है, क्योंकि सिस्टम पूरी तरह से फेल हो चुका है।
नई दिल्ली। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने रविवार को पार्टी कार्यकर्ताओं से कहा कि सिस्टम फेल हो गया है। इसीलिए वे सभी राजनीतिक गतिविधियों को छोड़ कोरोना वायरस के खिलाफ इस जंग में लोगों का साथ दें। उन्होंने कहा कि यह वक्त लोगों की बेहतरी के बारे में बातें करने का है, क्योंकि सिस्टम पूरी तरह से फेल हो चुका है। केरल के वायनाड से कांग्रेस सांसद राहुल ने यह ट्वीट ऐसे समय में किया है, जब देश में कोरोना वायरस के पिछले 24 घंटों में रिकॉर्ड 3,49,691 नए मामले सामने आए हैं। इतना ही नहीं पहली बार देश में इस वायरस की वजह से एक दिन में 2767 लोगों को अपनी जान भी गंवानी पड़ी है।
‘सिस्टम’ फ़ेल है इसलिए ये जनहित की बात करना ज़रूरी है:
इस संकट में देश को ज़िम्मेदार नागरिकों की ज़रूरत है। अपने कांग्रेस साथियों से मेरा अनुरोध है कि सारे राजनैतिक काम छोड़कर सिर्फ़ जन सहायता करें, हर तरह से देशवासियों का दुख दूर करें।
कांग्रेस परिवार का यही धर्म है।
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) April 25, 2021
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राहुल गांधी ने ट्वीट किया, सिस्टम फेल है इसलिए ये जनहित की बात करना जरूरी है। इस संकट में देश को जिम्मेदार नागरिकों की जरूरत है। अपने कांग्रेस साथियों से मेरा अनुरोध है कि सारे राजनैतिक काम छोड़कर सिर्फ जन सहायता करें, हर तरह से देशवासियों का दुख दूर करें। कांग्रेस परिवार का यही धर्म है।
इससे एक दिन पहले शनिवार को कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने देश में कोरोना वायरस से संक्रमण के मामलों में लगातार हो रही बढ़ोतरी के बीच शनिवार को कहा था कि केंद्र सरकार को प्रचार और अनावश्यक परियोजनाओं पर खर्च करने की बजाय टीके, ऑक्सीजन तथा अन्य स्वास्थ्य सेवाओं पर ध्यान देना चाहिए।
उन्होंने ट्वीट किया कि सद्भाव से केंद्र सरकार से अपील है कि वह पीआर व अनावश्यक परियोजनाओं पर खर्च करने की बजाय टीका, ऑक्सीजन व अन्य स्वास्थ्य सेवाओं पर ध्यान दे। कांग्रेस नेता ने सरकार को आगाह करते हुए कहा था, आने वाले दिनों में ये संकट और भी गहराएगा। इससे निपटने के लिए देश को तैयार करना होगा। वर्तमान दुर्दशा असहनीय है!