द्वादश ज्योतिर्लिंगों में से एक काशी विश्वनाथ मंदिर और ज्ञानवापी मस्जिद मामले में पुरातात्विक सर्वेक्षण को कोर्ट ने मंजूरी दे दी है। पुरातात्विक सर्वेक्षण में होने वाले खर्च को सरकार वहन करेगी। पुरातात्विक सर्वेक्षण कराने को लेकर कोर्ट में बहस चल रही थी।
वाराणसी: द्वादश ज्योतिर्लिंगों में से एक काशी विश्वनाथ मंदिर और ज्ञानवापी मस्जिद मामले में पुरातात्विक सर्वेक्षण को कोर्ट ने मंजूरी दे दी है। पुरातात्विक सर्वेक्षण में होने वाले खर्च को सरकार वहन करेगी। पुरातात्विक सर्वेक्षण कराने को लेकर कोर्ट में बहस चल रही थी। वाराणसी फास्ट ट्रैक कोर्ट के जज आशुतोष तिवारी ने पुरातात्विक सर्वेक्षण लेकर आज बड़ा फैसला दिया है। इससे पहले दो अप्रैल को हुई सुनवाई के दौरान दोनों पक्षों की बहस के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया गया था। कोर्ट ने सर्वे कराकर आख्या प्रस्तुत करने का आदेश दिया है।
गौरतलब है कि, दिसंबर 2019 में अधिवक्ता विजय शंकर रस्तोगी ने सिविल जज की अदालत में स्वयंभू ज्योतिर्लिंग भगवान विश्वेश्वर की ओर से एक आवेदन दायर किया था, जिसमें भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) द्वारा संपूर्ण ज्ञानवापी परिसर का सर्वेक्षण करने का अनुरोध किया गया था।
याचिकाकर्ता ने दावा किया था कि काशी विश्वनाथ मंदिर का निर्माण लगभग 2,050 साल पहले महाराजा विक्रमादित्य ने करवाया था, लेकिन मुगल सम्राट औरंगजेब ने सन 1664 में मंदिर को नष्ट कर दिया था। दावा किया गया कि इसके अवशेषों का इस्तेमाल मस्जिद बनाने के लिए किया था जिसे मंदिर भूमि पर निर्मित ज्ञानवापी मस्जिद के रूप में जाना जाता है।