केंद्र की मोदी सरकार (Modi Government)ने मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में मौत की सजा को लेकर अहम बयान दिया है। सरकार ने कहा कि वह फांसी के जरिए दी जाने वाली मौत की सजा को बदलने पर विचार कर रही है। केंद्र ने कहा कि वह इसके लिए एक एक्सपर्ट कमेटी के गठन पर विचार कर रही है, जो मौत की सजा देने के मौजूदा तरीकों को परखेगी।
नई दिल्ली। केंद्र की मोदी सरकार (Modi Government)ने मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में मौत की सजा को लेकर अहम बयान दिया है। सरकार ने कहा कि वह फांसी के जरिए दी जाने वाली मौत की सजा को बदलने पर विचार कर रही है। केंद्र ने कहा कि वह इसके लिए एक एक्सपर्ट कमेटी के गठन पर विचार कर रही है, जो मौत की सजा देने के मौजूदा तरीकों को परखेगी।
चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ (Chief Justice DY Chandrachud) और जस्टिस जेबी पारदीवाला की बेंच ने अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमानी (Attorney General R Venkataramani) के इस प्रतिवेदन पर गौर किया। अटॉर्नी जनरल (Attorney General) ने कोर्ट से कहा कि प्रस्तावित पैनल के लिए नामों को तय करने की प्रक्रिया अपने अंतिम चरण में है और कुछ समय बाद वह इस मुद्दे पर ज्यादा जानकारी देंगे।
बेंच ने इस पर कहा कि अटॉर्नी जनरल (Attorney General) ने कमेटी में नियुक्तियों पर विचार करने की बात कही है। इसको देखते हुए हम गर्मी की छुट्टियों के बाद इसकी सुनवाई के लिए एक तय तारीख देंगे।
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने 21 मार्च को कहा था कि वह फांसी के जरिए मौत की सजा दिए जाने पर विचार कर सकती है। कोर्ट ने इस पर केंद्र से मौत की सजा के अलग-अलग तरीकों पर बेहतर डेटा देने की मांग की थी। इस मामले में वकील ऋषि मल्होत्रा (Advocate Rishi Malhotra) ने 2017 में एक जनहित याचिका दायर की थी और कहा था कि फांसी की सजा की जगह मौत के लिए किसी कम दर्दनाक तरीके पर विचार किया जाना जरूरी है।