दिल्ली शराब घोटाला मामले (Delhi Liquor Scam Case) में शनिवार को राउज एवेन्यू कोर्ट में पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) की अर्जी पर सुनवाई हुई। CBI ने उनकी जमानत अर्जी का पुरजोर विरोध करते हुए उन्हें घोटाले का मास्टरमाइंड और किंगपिन करार दिया।
नई दिल्ली। दिल्ली शराब घोटाला मामले (Delhi Liquor Scam Case) में शनिवार को राउज एवेन्यू कोर्ट में पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) की अर्जी पर सुनवाई हुई। CBI ने उनकी जमानत अर्जी का पुरजोर विरोध करते हुए उन्हें घोटाले का मास्टरमाइंड और किंगपिन करार दिया। जांच एजेंसी की दलीलों को सुनने के बाद ट्रायल कोर्ट ने मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) की जमानत अर्जी पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया। अब अदालत 30 अप्रैल को फैसला सुनाएगी। दिल्ली की निरस्त आबकारी नीति मामले (Excise Policy Matters) में मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) महीनों से जेल में बंद हैं। आम आदमी पार्टी (AAP) के नेता संजय सिंह को जमानत मिल चुकी है, जबकि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Chief Minister Arvind Kejriwal) को इसी मामले में 21 मार्च को गिरफ्तार किया गया।
मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) ने लोकसभा चुनाव में प्रचार में शामिल होने की मांग करते हुए ट्रायल कोर्ट में अंतरिम जमानत की अर्जी दाखिल की थी। सिसोदिया के वकील ने कहा कि अब अदालत नियमित जमानत पर फैसला सुरक्षित कर चुकी है, इसलिए अंतरिम जमानत की याचिका वापस ले रहे हैं। दूसरी तरफ, सीबीआई ने मनीष सिसौदिया (Manish Sisodia) की नियमित जमानत अर्जी का विरोध किया। सीबीआई ने कहा कि उन्हें जमानत नहीं दी जानी चाहिए। सीबीआई ने उन्हें शराब घोटाले का मास्टरमाइंड बताया। मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) फिलहाल तिहाड़ जेल में बंद हैं।
CBI की दलील
दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया (Former Deputy CM of Delhi Manish Sisodia) की नियमित जमानत याचिका पर शनिवार को राउज एवेन्यू कोर्ट (Rouse Avenue Court) मे सुनवाई हुई। सीबीआई (CBI) ने कहा कि सिसोदिया घोटाले के किंगपिन हैं, इसलिए इनको जमानत नहीं दी जानी चाहिए। जांच एजेंसने ने दलील दी कि जमानत दी गई तो सिसोदिया सबूतों से छेड़छाड़ कर सकते हैं। सीबीआई (CBI) ने कहा कि सिसोदिया किंगपिन हैं, वह मास्टरमाइंड हैं. फिलहाल इस मामले की जांच चल रही है। सीबीआई (CBI) ने कहा कि कोर्ट पहले भी उनकी जमानत अर्जी खारिज कर चुकी है। अगर उन्हें रिहा किया गया तो वह बाधा पैदा कर सकते हैं।
अब 30 अप्रैल को फैसला
सीबीआई (CBI) ने कहा कि हम मनीष सिसोदिया की जमानत अर्जी का पुरजोर विरोध करते हैं। उनकी याचिका खारिज की जानी चाहिए। सीबीआई (CBI) ने कहा कि हम बार-बार कहते हैं कि ये किंगपिन हैं। इनकी याचिका में देरी का ग्राउंड है। हम बता चुके हैं कि देरी के क्या कारण हैं। इसी कोर्ट ने अपने पुराने आदेश में भी माना है। सिसोदिया की ईडी (ED) और सीबीआई (CBI) मामले में राउज एवेन्यू कोर्ट (Rouse Avenue Court) ने फैसला सुरक्षित रख लिया। अदालत अब 30 अप्रैल को फैसला सुनाएगी।