कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को धनतेरस मनाया जाता है। इस दिन को धनंवतरि जंयती के रूप में भी माना जाता है। मान्यता है कि समुद्र मंथन के दौरान भगवान धन्वंतरि अमृत कलश के साथ प्रकट हुए थे।
धनतेरस 2021: कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को धनतेरस मनाया जाता है। इस दिन को धनंवतरि जंयती के रूप में भी माना जाता है। मान्यता है कि समुद्र मंथन के दौरान भगवान धन्वंतरि अमृत कलश के साथ प्रकट हुए थे। उस दिन धनतेरस का दिन था।धनतेरस के दिन बाजार से कुछ न कुछ खरीदकर लाने की परंपरा है। विशेषकर सोने या चांदी की चीज़ें खरीदने का महत्व है। इस दिन बहुत से लोग लक्ष्मी-गणेश जी बने हुए सोने-चांदी के सिक्के खरीदते हैं जो बहुत ही शुभ माने जाते हैं। कांच का संबंध राहु से होता है। इसलिए धनतेरस के दिन कांच से बना हुआ सामान ही खरीदें।
धनतेरस 2021: मुहूर्त और पूजा का समय
त्रयोदशी तिथि शुरू- 02 नवंबर, 2021 11:31
त्रयोदशी तिथि समाप्त- 03 नवंबर, 2021 09:02
सूर्योदय- 02नवंबर, 2021 06:36
सूर्यास्त- 02 नवंबर, 2021 05:44
धन्वन्तरि स्तोत्र
ॐ शंखं चक्रं जलौकां दधदमृतघटं चारुदोर्भिश्चतुर्मिः।
सूक्ष्मस्वच्छातिहृद्यांशुक परिविलसन्मौलिमंभोजनेत्रम॥
कालाम्भोदोज्ज्वलांगं कटितटविलसच्चारूपीतांबराढ्यम।
वन्दे धन्वंतरिं तं निखिलगदवनप्रौढदावाग्निलीलम॥
ॐ नमो भगवते महासुदर्शनाय वासुदेवाय धन्वंतराये:
अमृतकलश हस्ताय सर्व भयविनाशाय सर्व रोगनिवारणाय
त्रिलोकपथाय त्रिलोकनाथाय श्री महाविष्णुस्वरूप
श्री धनवंतरी स्वरूप श्री श्री श्री औषधचक्र नारायणाय नमः॥