सनातन धर्म में धनतेरस पर्व सुख ,समृद्धि और उल्लास का सूचक है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, धन त्रयोदशी पर्व के दिन मां लक्ष्मी, भगवान धन्वंतरि और भगवान धन कुबेर की पूजा अर्चना करने से जीवन में सुख और समृद्धि की प्राप्ति होती है।
Dhanteras 2023 : सनातन धर्म में धनतेरस पर्व सुख ,समृद्धि और उल्लास का सूचक है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, धन त्रयोदशी पर्व के दिन मां लक्ष्मी, भगवान धन्वंतरि और भगवान धन कुबेर की पूजा अर्चना करने से जीवन में सुख और समृद्धि की प्राप्ति होती है। मान्यता है कि मां लक्ष्मी की कृपा से जीवन के आर्थिक क्षेत्र में आ रही कई प्रकार की समस्याएं दूर हो जाती है। बता दें कि आज यानी कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि के दिन धन त्रयोदशी पर्व हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है। शास्त्रों में यह भी बताया गया है कि आज के दिन श्री लक्ष्मी चालीसा और कुबेर चालीसा का पाठ करने से विशेष लाभ मिलता है।
धनतेरस 2023 पूजा मुहूर्त
वैदिक पंचांग के अनुसार, कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि का शुभारंभ आज 10 नवंबर दोपहर 12:35 से होगा और इस तिथि का समापन कल दोपहर 1:57 पर हो जाएगा। आज के दिन प्रदोष काल में धनतेरस पूजा का विधान है। इसलिए धनतेरस पूजा मुहूर्त शाम 5:45 से शाम 7:41 तक रहेगा। आज के दिन प्रदोष काल में दीपदान का भी विशेष महत्व है।
इस दिन दीपावली का पर्व शुरू हो जाता है और इस दिन सोना-चांदी या नए बर्तन खरीदना बहुत शुभ माना जाता है। धनतेरस तिथि से लोग घरों को रोशन कर देते हैं और दिवाली उत्सव में शामिल हो जाते हैं। हर साल लोग धनतेरस मनाते हैं।
कुबेर पूजा
धन के देवता कुबेर की इस दिन विशेष पूजा होती है। कुबेर भी आसुरी प्रवृत्तियों का हरण करने वाले देव हैं इसलिए उनकी भी पूजा का प्रचलन है।
यम पूजा
धनतेरस के दिन यम पूजा का भी महत्व है। कहते हैं कि धनतेरस के दिन यमराज के निमित्त जहां दीपदान किया जाता है, वहां अकाल मृत्यु नहीं होती है।
गणेश पूजा
गणेश जी की पूजा प्रत्येक मांगलिक कार्य और त्योहार में की जाती है क्योंकि वे प्रथम पूज्य हैं। सभी के साथ गणेश पूजा की जाना जरूरी होती है।