सनातन धर्म में मां लक्ष्मी को धन की देवी कहा जाता है। देवी लक्ष्मी कृपा प्राप्त करने के लिए उनका आर्शिवाद आवश्यक है।
Dhanteras 2023 : सनातन धर्म में मां लक्ष्मी को धन की देवी कहा जाता है। देवी लक्ष्मी कृपा प्राप्त करने के लिए उनका आर्शिवाद आवश्यक है। प्रत्येक वर्ष कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को धन की देवी लक्ष्मी, धन के देवता कुबेर और प्रथम पूज्य देव गणेश महाराज की पूजा की जाती है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन विधि विधान से मां लक्ष्मी की पूजा करने से जीवन धन धान्य की कोई कमी नहीं होती और जवन सुख और ऐश्वर्य से व्यतीत होता है। पौराणिक ग्रंथों में वर्णित है कि इस दिन खरीदी जाने वाली वस्तुएं अक्षय हाती है। इस दिन धनतेरस का त्योहार मनाया जाता है। घर द्वार की साफ सफाई करके दीपों की रोशनी के जगमगाहट में इस पर्व को मनाया जाता है। परिवार की उन्नति के लिए धनतेरस पर सोना, चांदी, धनिया, झाड़ू आदि खरीदते हैं। इस दिन खरीदारी करने का विशेष महत्व है।
कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष के त्रयोदशी तिथि से धनतेरस के साथ पांच दिवसीय त्योहार की शुरुआत होती है। वर्ष 2023 में धनतेरस 10 नवंबर को और दीपावली 12 नवंबर को मनाई जाएगी। धनतेरस के दिन देवी लक्ष्मी और कुबेर को प्रसन्न कर पूरे वर्ष सुख समृद्धि प्राप्त की जा सकती है। मान्यता है कि धनतेरस के दिन किए गए उपायों ( Upay for Dhanteras) से धन संपत्ति में वृद्धि और आर्थिक समस्याओं से मुक्ति मिल सकती है।
धनतेरस पर करें ये उपाय
पंचदेवों की पूजा
धनतेरस के दिन पंचदेवों – भगवान धन्वंतरि, माता लक्ष्मी, कुबेर, यमराज और भगवान गणेश जी की पूजा उत्तम माना जाता है। घर परिवार में लक्ष्मी का वास रहता है।
पशुओं की पूजा
धनतेरस के दिन ग्रामीण क्षेत्रों में पशुओं की पूजा प्रचलन है। इस दिन लोग अपने पशुओं, विशेष कर गाय माता की पूजा करते हैं।
दीपदान
धनतेरस के दिन दीपदान का विशेष महत्व होता है। अकाल मृत्यु नहीं होती है।