संबित पात्रा ने आगे कहा, तेजस्वी यादव झूठ बोल रहे हैं, उनका नाम और EPIC नंबर मौजूद है। चुनाव आयोग ने बताया कि जो EPIC नंबर डालने से तेजस्वी यादव का पूरा विवरण सामने आता है, वो EPIC नंबर वही EPIC नंबर है जो उन्होंने 2020 के अपने हलफ़नामे में डाला था और उसी के आधार पर उन्होंने 2020 का विधानसभा चुनाव भी लड़ा था।
नई दिल्ली। बिहार विधानसभा चुनाव से पहले मतदाता सूची गहन पुनरीक्षण को लेकर सियासी सरगर्मी बढ़ती जा रही है। राजद नेता तेजस्वी यादव लगातार इस पर सवाल उठा रहे हैं। बीते दिन उन्होंने मतदाता सूची से अपना नाम गायब होने का दावा कर दिया। हालांकि, इसके बाद चुनाव आयोग ने उनके दावे का खंडन कर दिया था। चुनाव आयोग की तरफ से कहा गया कि, तेजस्वी यादव का नाम नहीं कटा है और वोटर लिस्ट जारी कर दी। हालांकि इस पूरे घटनाक्रम से पता चला कि तेजस्वी यादव के दो EPIC नंबर हैं। वहीं, इसको लेकर भाजपा नेता ने सवाल उठाते हुए तेजस्वी यादव पर निशाना साधा है।
भाजपा सांसद संबित पात्रा ने कहा कि, राजद नेता और बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने एक प्रेस वार्ता की। प्रेस वार्ता का मूल उद्देश्य था कि शुक्रवार, 1 अगस्त ने जो SIR के पश्चात इलेक्टोरल रोल जारी किया था उसको लेकर भ्रम फैलाना। तेजस्वी यादव ने कहा कि इस इलेक्टोरल रोल में जिसे अभी चुनाव आयोग ने जारी किया है, उनका नाम नहीं है। इसको लेकर उन्होंने अपना EPIC नंबर भी दिया। इसके बाद पटना के डीएम और चुनाव आयोग ने इस पूरे मामले की सच्चाई को सामने रखा।
संबित पात्रा ने आगे कहा, तेजस्वी यादव झूठ बोल रहे हैं, उनका नाम और EPIC नंबर मौजूद है। चुनाव आयोग ने बताया कि जो EPIC नंबर डालने से तेजस्वी यादव का पूरा विवरण सामने आता है, वो EPIC नंबर वही EPIC नंबर है जो उन्होंने 2020 के अपने हलफ़नामे में डाला था और उसी के आधार पर उन्होंने 2020 का विधानसभा चुनाव भी लड़ा था। उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि, तेजस्वी यादव के पास दो EPIC नंबर हो गए हैं। तेजस्वी यादव के पास दो-दो EPIC नंबर कैसे हैं? क्या तेजस्वी यादव के पास दो वोटर ID कार्ड हैं? यह जघन्य अपराध है।
दरअसल, तेजस्वी यादव ने शनिवार को दावा किया कि, उनका नाम वोटर लिस्ट में नहीं है। उनके इस दावे के बाद हंगामा मच गया। उन्होंने ये बातें प्रेस कॉफ्रेंस में कहीं। इसके बाद चुनाव आयोग ने उनके दावों का खंडन कर दिया और कहा कि, उनका नाम वोटर लिस्ट में मौजूद है। इसके बाद सत्तापक्ष और विपक्ष के नेताओं के बीच सियासी घमासान और ज्यादा तेज हो गया।