मानसून (Monsoon) के दस्तक देने के बाद पिछले करीब दो हफ्तों से देश के तमाम राज्यों में भारी बारिश और बाढ़ से हाहाकार मचा हुआ है। कई राज्यों में भारी बारिश से भयंकर तबाही हुई है और सैंकड़ों लोगों की जान चुकी है।
नई दिल्ली। मानसून (Monsoon) के दस्तक देने के बाद पिछले करीब दो हफ्तों से देश के तमाम राज्यों में भारी बारिश और बाढ़ से हाहाकार मचा हुआ है। कई राज्यों में भारी बारिश से भयंकर तबाही हुई है और सैंकड़ों लोगों की जान चुकी है। लेकिन दक्षिण भारत (South India) के कई राज्य हैं, जहां पर कम बारिश हुई है। जिसकी वजह पर फसलों पर बुरा प्रभाव पड़ने की आशंका जतायी जा रही है। वहीं, कर्नाटक (Karnataka) और तेलंगाना (Telangana) सरकार ने मानसून (Monsoon) के ठीक से नहीं आने पर सूखे (Drought) की भी आशंका जताई है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक तेलंगाना (Telangana), केरल (Kerala) समेत मध्य दक्षिणी (Mid Southern) और कुछ पूर्वोत्तर राज्यों (Northeastern States) में तय सीमा से कम बारिश हुई है। ये राज्य कमजोर मानसून से गुजर रहे हैं। जिसका असर फसलों पर भी पड़ रहा है। मौसम विभाग के मुताबिक 1 जून से देशभर के तमाम राज्यों में मानसून (Monsoon) की शुरुआत हुई। लेकिन तमिलनाडु को छोड़कर सभी दक्षिणी राज्यों में इस सीजन पूरी तरह से मानसून नहीं आया है इन राज्यों में उम्मीद से कम बारिश हुई।
कम बारिश का असर अब फसलों दिखना शुरू हो गया है। रिपोर्ट के मुताबिक कमजोर मानसून के चलते तेलंगाना (Telangana), आंध्र प्रदेश (Andhra Pradesh), कर्नाटक (Karnataka) और केरल (Kerala) के कुछ हिस्सों में फसलों की बुआई में देरी हो गई है। इतना ही नहीं कर्नाटक और तेलंगाना सरकार ने मानसून के ठीक से नहीं आने पर सूखे की भी आशंका जताई है। तेलंगाना (Telangana) में पिछले साल के मुकाबले 65% कम बारिश हुई है। केरल में बारिश में करीब 31% की कमी देखने को मिली है. करीब 9 जिलों में बारिश की भारी कमी है।
वहीं, कर्नाटक (Karnataka) की बात करें तो यहां पर ज्यादातर बांध कम बारिश के चलते सूखने की कगार पर हैं। कृष्णराजसागर (केआरएस) बांध, जिससे बेंगलुरु और बाकी जगहों के लिए पानी की सप्लाई होती है, वो लगातार सूख रहा है। इसका जलस्तर 30 फीट तक नीचे चला गया है। अधिकारियों का कहना है कि अगर ऐसे ही हालात बने रहे तो बिजली उत्पादन और पीने के पानी की समस्या हो सकती है.
इसके अलावा पूर्वी राज्यों बिहार (Bihar), झारखंड (Jharkhand) और ओडिशा (Odisha) के भी यही हाल हैं। जहां पिछले साल के मुकाबले काफी कम बारिश दर्ज की गई है। इन राज्यों में देश के बाकी हिस्सों के मुकाबले ज्यादा बारिश होती है, इसके बावजूद यहां पर्याप्त मानसूनी बारिश नहीं हुई है।