सनातन धर्म में गणेश जी को प्रथम पूजनीय माना गया है। किसी भी काम की शुरुआत अगर गणेश जी के नाम से की जाए, तो भक्तों के सभी कार्य निर्विघ्न पूरे होते हैं। गणेश जी को दूर्वा घास बेहद प्रिय है।
Durva Ghas Ki Pattiyan : सनातन धर्म में गणेश जी को प्रथम पूजनीय माना गया है। किसी भी काम की शुरुआत अगर गणेश जी के नाम से की जाए, तो भक्तों के सभी कार्य निर्विघ्न पूरे होते हैं। गणेश जी को दूर्वा घास बेहद प्रिय है। इसी कारण गणेश जी की पूजा में उन्हें दूर्वा घास की पत्तियां जरूर अर्पित की जाती हैं। लेकिन दूर्वा के अलावा भी उन्हें ये 5 पेड़-पौधे अर्पित किए जा सकते हैं। भगवान गणेश की पूजा में मोदक का भोग और दूर्वा चढ़ाने का विशेष रूप से महत्व होता है। बिना दूर्वा के भगवान गणेश की पूजा अधूरी मानी जाती है। दूर्वा चढ़ाने से सभी तरह के सुख और संपदा में वृद्धि होती है। वहीं दूर्वा के कुछ विशेष उपाय करने से जीवन में आने वाली सभी बाधाएं भी दूर हो जाती हैं।
ऐसा माना गया है कि दूर्वा को पूर्व या उत्तर दिशा में लगाया जाए तो यह घर की आर्थिक स्थिति को मजबूत करता है। एक अन्य मान्यता के अनुसार दूब के पौधे की पत्तियां जितनी हरी-भरी होंगी, घर में उतनी ही खुशहाली और तरक्की आएगी। इसलिए दूर्वा घास को नियमित रूप से पानी देना बहुत जरूरी है
शास्त्रों के अनुसार माना जाता है कि जिस तरह रविवार के दिन तुलसी तोड़ने की मनाही होती है। उसी तरह रविवार के दिन दूर्वा बिल्कुल भी नहीं तोड़ना चाहिए। इससे एक प्रकार का दोष लगता है।
शास्त्रों के अनुसार गणेश जी को अर्जुन वृक्ष के पत्ते बेहद प्रिय हैं। जो लोग बेरोजगार हैं, नौकरी में प्रमोशन चाहते हैं या फिर सैलरी में बढ़ोतरी चाहते हैं, उन्हें गणेश जी को अर्जुन के वृक्ष के 5 या 7 पत्ते अर्पित करने चाहिए।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार आक के पत्ते चढ़ाने से भी गणेश जी को प्रसन्न किया जा सकता है।
बुधवार के दिन सफेद या फिर पीले रंग के कनेर के फूल की पत्तियां अर्पित की जाएं, तो गणेश जी प्रसन्न होते हैं।