खाना खाने के बाद कुछ समय के लिए मेटबॉलिज्म रेट बढ़ जाता है।इसे फूड का टीईएफ कहा जाता है। प्रोटीन टीईएफ को बढ़ाने का सबसे बड़ा कारण होता है। अपनी हर मील में प्रोटीन को शामिल कर मेटाबॉलिज्म की रेट को आसानी से बढ़ाया जा सकता है।
Way to increase Metabolism: कुछ लोगो को अगर आपने नोटिस किया होगा तो वो दिनभर खाते और किसी भी आम व्यक्ति की खुराक से अधिक खाते हैं इसके बावजूद शरीर में जरा भी खाना नहीं लगता है। अधिक खाने के बाद भी वजन न बढ़ने की पीछे मेटाबॉलिज्म (Metabolism) का अच्छा होना नहीं होता है।
इसके पीछे कई वजहें है जैसे कि आनुवंशिकी, न्यूट्रिशन और यहां तक की व्यवहार का तरीका भी बॉडी वेट बनाए रखने में हेल्प करता है। वजन का बढ़ना या ना बढ़ना हर व्यक्ति की अलग अलग रुटीन पर निर्भर करता है।
मेटाबॉलिज्म (Metabolism) को बढ़ाने का तरीका
खाना खाने के बाद कुछ समय के लिए मेटबॉलिज्म रेट बढ़ जाता है।इसे फूड का टीईएफ कहा जाता है। प्रोटीन टीईएफ को बढ़ाने का सबसे बड़ा कारण होता है। अपनी हर मील में प्रोटीन को शामिल कर मेटाबॉलिज्म (Metabolism) की रेट को आसानी से बढ़ाया जा सकता है।
हाईइंटेसिटी वर्कआउट में बहुत तेज गति की एक्टिविटी शामिल होती है। यह मेटाबॉलिज्म (Metabolism) को तेज कर देता है। इससे मसल्स की सेल्स आराम के समय कैलोरी बर्न करने लगती है और फैट कम होने लगता है।
अगर आप लंबे समय तक बैठे रहते है तो सेहत पर इसका बुरा असर पड़ता है। अधिक देर तक बैठने से कम कैलोरी बर्न होी है।साथ ही वजन बढ़ सकता है। खड़े रहने से वजन शरीर में फैट ,कमर का घेरा और बीपी कम होता सकता है। थोड़ी थोड़ी देर में चलने फिरने और खड़े रहने से मेटाबॉलिज्म (Metabolism) बढ़ता है।
ग्रीन टी पीने से मेटाबॉलिज्म बढ़ता है। ग्रीन टी शरीर
में जमा फैटी एसिड में बदल देते हैं। इससे एक्सरसाइज के दौरान अधिक फैट बर्न हो पाती है।
पर्याप्त और अच्छी नींद भी जरुरी है। कम सोना या आधीनींद लेवे से ग्रेलिन और लेप्टिन में गड़बड़ी आ जाती है। ठीक से नहीं सोने वालों को अक्सर भूख लगती रहती है।