जब से चुनाव आयोग ने चुनाव के तारीखों का ऐलान किया है। तब से कोरोना भी देश अपना कहर मचाना शुरू कर दिया है। इसी को मद्देनजर रखते हुए चुनाव आयोग ने चुनावी रैलियों, नुक्कड़ सभाओं और रोड शो आदि पर प्रतिबंध लगा दिया है और साथ ही यह आदेश दिया कि चुनाव का प्रचार प्रसार डिजिटल के माध्यम से कराया जाएगा।
UP Election 2022: जब से चुनाव आयोग ने चुनाव के तारीखों का ऐलान किया है। तब से कोरोना भी देश अपना कहर मचाना शुरू कर दिया है। इसी को मद्देनजर रखते हुए चुनाव आयोग ने चुनावी रैलियों, नुक्कड़ सभाओं और रोड शो आदि पर प्रतिबंध लगा दिया है और साथ ही यह आदेश दिया कि चुनाव का प्रचार प्रसार डिजिटल के माध्यम से कराया जाएगा।
बता दें कि कोरोना काल में नेताओं के लिए social media ही प्रचार का सबसे बड़ा माध्यम बन कर उभरा है, लेकिन अब भी उम्मीदवार physical campaigning को अपने लिए बेहतर मान रहे हैं। यही वजह है कि शहर से लेकर गांव तक में अपने कुछ समर्थकों को लेकर प्रत्याशियों की ओर से जनसंपर्क किया जा रहा है।
उत्तर प्रदेश के पहले राउंड के लिए फिलहाल प्रचार तेज है और यहां यही रणनीति देखने को मिल रही है। नेताओं का कहना है कि door-to-door campaign से वोटरों के साथ personal connect बनता है, जो चुनाव के लिए बहुत जरूरी है।
physical campaigning के माध्यम से मतदाताओं से कनेक्ट स्थापित करने की कोशिश कर रहे हैं। कई नेताओं ने कहा कि निजी तौर पर मतदाताओं के घर पहुंचने का लोगों पर बड़ा असर देखने को मिल रहा है। यही नहीं नेताओं की से Twitter, Facebook, WhatsApp और Instagram के जरिए लोगों को यह जानकारी भी दी जा रही है कि वे किस दिन कहां Visit करेंगे।