नए कृषि कानूनों को लेकर किसानों का चल रहा विरोध प्रदर्शन खत्म नहीं हो रहा है। किसान तीनों कानूनों को रद्द करने की मांग पर अड़े हुए हैं। बीते करीब सात महीनों से किसानों का प्रदर्शन जारी है। अपनी मांगों को लेकर किसानों का जज्बा बिल्कुल कम नहीं हुआ है। वे अब भी तीनों कानूनों को वापस लिए जाने की मांग पर अड़े हुए हैं।
नई दिल्ली। नए कृषि कानूनों को लेकर किसानों का चल रहा विरोध प्रदर्शन खत्म नहीं हो रहा है। किसान तीनों कानूनों को रद्द करने की मांग पर अड़े हुए हैं। बीते करीब सात महीनों से किसानों का प्रदर्शन जारी है। अपनी मांगों को लेकर किसानों का जज्बा बिल्कुल कम नहीं हुआ है। वे अब भी तीनों कानूनों को वापस लिए जाने की मांग पर अड़े हुए हैं।
इसी क्रम में आज देशभर में किसान राज्यपाल को अपना ज्ञापन सौपेंगे। इसको लेकर किसान राजभवन पहुंचने लगे हैं। भारतीय किसान यूनियन की युवा इकाई के अध्यक्ष गौरव टिकैत ने कहा कि हम देश भर में शांतिपूर्ण ढंग से राज्यपालों से भेंट कर उन्हें ज्ञापन सौंपेंगे। उधर, किसानों की ट्रैक्टर रैली की घोषणा के बाद से दिल्ली के कई इलाकों में भारी संख्या में पुलिस और अर्धसैनिक बलों की तैनाती की गई है।
जगह-जगह पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजान किए गए हैं। बता दें कि, किसानों का लखनऊ में भी विरोध प्रदर्शन जारी है। किसान नेता राजेश सिंह चौहान ने बताया कि एक साल से देश में अघोषित आपातकाल लगा है। इसके विरोध में हम आज राज्यपाल के जरिये राष्ट्रपति को ज्ञापन सौंपेंगे क्योंकि किसानों का गेहूं मंडियों में सड़ रहा है।