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Big action of LG of Delhi : 11 IAS को किया सस्पेंड, अनुशासनात्मक कार्रवाई की सिफारिश के साथ विजिलेंस जांच को दी मंजूरी

दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना (Delhi Lieutenant Governor VK Saxena) ने शनिवार को आबकारी नीति ( Excise Policy) को लेकर बड़ी कार्रवाई की है। उन्होंने विजिलेंस रिपोर्ट के बाद आबकारी नीति में घोटाले के आरोप में आबकारी आयुक्त आरव गोपी कृष्ण, तत्कालीन आबकारी आयुक्त दानीक्स आनंद कुमार तिवारी (Excise Commissioner Danix Anand Kumar Tiwari) सहित 11 अधिकारियों को निलंबित कर दिया है।

By संतोष सिंह 
Updated Date

नई दिल्ली। दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना (Delhi Lieutenant Governor VK Saxena) ने शनिवार को आबकारी नीति ( Excise Policy) को लेकर बड़ी कार्रवाई की है। उन्होंने विजिलेंस रिपोर्ट के बाद आबकारी नीति में घोटाले के आरोप में आबकारी आयुक्त आरव गोपी कृष्ण, तत्कालीन आबकारी आयुक्त दानीक्स आनंद कुमार तिवारी (Excise Commissioner Danix Anand Kumar Tiwari) सहित 11 अधिकारियों को निलंबित कर दिया है। यह कार्रवाई आबकारी नीति ( Excise Policy)  को लागू करने में हुई चूक को लेकर की गई है। उन्होंने अधिकारियों के खिलाफ निलंबन और अनुशासनात्मक कार्रवाई करने की विजिलेंस को मंजूरी दे दी है।

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इससे पहले उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया (Deputy Chief Minister Manish Sisodia) जो आबकारी मंत्री भी हैं ने पहली बार स्वीकार किया कि दिल्ली सरकार को नई आबकारी नीति 2021-22 के तहत हजारों करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है। इसके लिए उन्होंने एलजी पर आरोप लगाया, जिन्होंने 17 नवंबर 2021 से लागू हुई नई व्यवस्था पर अंतिम क्षण में यू-टर्न ले लिया। उन्होंने कहा कि अब वे केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) को पत्र लिखकर मामले की जांच की मांग कर रहे हैं।

एलजी के पास दो बार भेजी गई थी फाइल

शनिवार को सिसोदिया के आरोपों के कुछ मिनट बाद, एलजी कार्यालय ने बताया कि उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने दिल्ली के तत्कालीन आबकारी आयुक्त, आईएएस अधिकारी आरव गोपी कृष्ण और दानिक्स अधिकारी आनंद कुमार तिवारी, उप आबकारी आयुक्त के खिलाफ श्प्रमुख अनुशासनात्मक कार्यवाहीश् शुरू करने को मंजूरी दे दी है। प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए सिसोदिया ने कहा कि 2021-22 आबकारी नीति को लागू करने से पहले दो बार फाइल को एलजी के पास भेजा गया था।

लॉन्च से 48 घंटे पहले एलजी ने वापस भेजी फाइल

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सिसोदिया ने कहा कि पहली बार तत्कालीन एलजी अनिल बैजल ने कुछ सुझावों और बदलावों के साथ फाइल वापस भेजी थी, जिसे दिल्ली सरकार ने शामिल किया था। डिप्टी सीएम ने कहा, श्एलजी द्वारा सुझाए गए आवश्यक बदलाव करने के बाद, फाइल को नवंबर के पहले हफ्ते में दूसरी बार भेजा गया था। नई नीति को 17 नवंबर से लागू किया जाना था और एलजी ने लॉन्च से ठीक 48 घंटे पहले 15 नवंबर को फाइल वापस कर दी और हमें इसमें एक बड़ा बदलाव करने के लिए कहा। एलजी ने कहा कि अनधिकृत कॉलोनियों में शराब की दुकानों को अनुमति देने के लिए हमें दिल्ली विकास प्राधिकरण (DDA) और नगर निगम से अनुमति लेनी होगी।

सरकार को हुआ नुकसान

सिसोदिया ने कहा कि इस वजह से, दिल्ली सरकार को हजारों करोड़ रुपये का नुकसान हुआ क्योंकि अनधिकृत कॉलोनियों में खुलने वाली करीब 300-350 दुकानें नई व्यवस्था के तहत कभी नहीं खुल सकीं। नतीजतन, दिल्ली में शराब की दुकानें खोलने में कामयाब रही कुछ कंपनियों ने भारी मुनाफा कमाया, जबकि अन्य को नुकसान हुआ। नई आबकारी नीति का प्राथमिक उद्देश्य शराब की दुकानों के असमान वितरण को समाप्त करना था, जो एलजी के निर्णय की वजह से कभी नहीं हो सका। एलजी के अचानक बदलाव का कारण कुछ निजी कंपनियों या व्यक्तियों को जानबूझकर लाभ पहुंचाना हो सकता है।

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