सनातन धर्म में फाल्गुन अमावस्या का महत्व है। इस दिन दिन स्नान और दान करने की परंपरा है। ज्योतिष शास्त्र में अमावस्या फाल्गुन अमावस्या को बहुत फलित माना जाता है।
Falgun Monday Amavasya 2023 : सनातन धर्म में फाल्गुन अमावस्या का महत्व है। इस दिन दिन स्नान और दान करने की परंपरा है। ज्योतिष शास्त्र में अमावस्या फाल्गुन अमावस्या को बहुत फलित माना जाता है। इस बार फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि 19 फरवरी दिन रविवार की शाम 4 बजकर 18 मिनट से शुरू होगी। इस दिन सुबह से ही परिघ योग बन रहा है। इस योग में शनि का प्रभाव अधिक होता है। ये योग शत्रुओं के लिए घातक होता है। इस दिन तीर्थ में स्नान, सूर्य पूजा, पितरों की पूजा और दान करते हैं। अमावस्या के दिन पीपल के पेड़ को जल देकर दीप जलाना चाहिए। ऐसा करने से देवों का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
परिघ योग में शनि देव का प्रभाव अधिक होता है। शनि देव न्याय के देवता हैं। खास बात ये है कि इस योग का शासन भी शनि करते हैं, यही कारण है कि ये उन लोगों का नाश करता है जिनके मानसिक और शारीरिक कर्म बुरे होते है।
सूर्य को अर्घ्य जरूर दें
इस दिन स्नान के बाद सूर्य को अर्घ्य दें और उनके बीज मंत्र ॐ ह्रीं ह्रीं सूर्याय सहस्रकिरणराय मनोवांछित फलम् देहि देहि स्वाहा या ॐ सूर्याय नम: या ॐ घृणि सूर्याय नम: का जाप करें।