नए कृषि कानूनों को लेकर किसानों का प्रदर्शन जारी है। किसान सात महीने से अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं। शनिवार को चंडीगढ़ में 32 किसान संगठनों ने राजभवन की तरफ कूच किया। इस दौरान हजारों की संख्या में मौजूद किसानों ने पंचकूला और मोहाली में बैरिकेड तोड़कर चंडीगढ़ में प्रवेश किया। चंडीगढ़ में घुसे किसानों को प्रेस लाइट प्वाइंट पर जबरन रोका गया।
नई दिल्ली। नए कृषि कानूनों को लेकर किसानों का प्रदर्शन जारी है। किसान सात महीने से अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं। शनिवार को चंडीगढ़ में 32 किसान संगठनों ने राजभवन की तरफ कूच किया। इस दौरान हजारों की संख्या में मौजूद किसानों ने पंचकूला और मोहाली में बैरिकेड तोड़कर चंडीगढ़ में प्रवेश किया। चंडीगढ़ में घुसे किसानों को प्रेस लाइट प्वाइंट पर जबरन रोका गया।
एसएसपी कुलदीप सिंह चाहल भी मौके पर पहुंचे। किसानों को यहीं रुकने के लिए कहा गया लेकिन किसान आगे बढ़ने की जिद पर अड़े हैं। स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है। ट्रैक्टर आगे ले जाने की कोशिश की जा रही है। डीसी मंदीप सिंह बराड़ भी मौके पर पहुंचे। उन्होंने प्रेस लाइट प्वाइंट पर ही किसानों से ज्ञापन लिया है और उन्हें आश्वासन दिया कि वह इसे प्रशासक वीपी सिंह बदनौर तक पहुंचाएंगे।
उन्होंने सभी से शांति की अपील की है। वहीं, इससे प हले दोपहर करीब पौने एक बजे किसान पंचकूला के नाडा सहिब गुरुद्वारा से रवाना हुए। वहीं मोहाली से किसानों ने अंब साहिब से यादविंदर चौक की तरफ कूच किया। इस दौरान किसान नेता रुलदू सिंह ने कहा कि आज के दिन इंदिरा गांधी की तरफ से इमरजेंसी लगाई गई थी।
उसे याद करते हुए यह मोर्चा निकाला जा रहा है। वहीं हरियाणा के गृहमंत्री अनिल विज ने कहा है कि किसान आठ माह से बॉर्डर पर बैठे हैं। वे निराश हैं। इसलिए आंदोलन को जिंदा रखने के लिए उनके नेता रोज एक नया कार्यक्रम बनाते हैं। आज राजभवन में ज्ञापन देने की बात कही जा रही है। ऐसा होता रहता है।