क्या सुभासापा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और विधानसभा के चुनाव में सपा के साथ गठबंधन के साथी रहे ओमप्रकाश राजभर दोबारा भाजपा के साथ जायेंगे इसकी चर्चा राजनीतिक गलियारें में जोर शोर से होने लगी है। इसका प्रमुख कारण है कि चुनाव के बाद पहली बार समाजवादी पार्टी के सुप्रीमो अखिलेश यादव पर ओमप्रकाश राजभर ने सीधा निशाना साधा है।
लखनऊ। क्या सुभासापा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और विधानसभा के चुनाव में सपा के साथ गठबंधन के साथी रहे ओमप्रकाश राजभर दोबारा भाजपा के साथ जायेंगे इसकी चर्चा राजनीतिक गलियारें में जोर शोर से होने लगी है। इसका प्रमुख कारण है कि चुनाव के बाद पहली बार समाजवादी पार्टी के सुप्रीमो अखिलेश यादव पर ओमप्रकाश राजभर ने सीधा निशाना साधा है।
ओमप्रकाश राजभर ने अखिलेश पर सीधे सीधे विधानसभा में मिली हार का ठीकरा फोड़ा है। ओमप्रकाश ने कहा कि हमने अपने क्षेत्र में मेहनत कर के गठबंधन को ज्यादा से ज्यादा सीटें दिलाई लेकिन अखिलेश यादव अपने ही क्षेत्र में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाये। 2022 के विधानसभा चुनाव में छह विधायकों की पार्टी बनने से उत्साहित राजभर ने कहा है कि सपा गढ़ में ही कमजोर प्रदर्शन रहा।
विधानसभा के बाहर पत्रकारों से बातचीत में ओपी राजभर ने बाहर निकलने की सलाह को दोहराते हुए कहा कि सपा के लोग ही उन्हें अखिलेश को ऐसा कहने के लिए कहते हैं, क्योंकि वह हिम्मत नहीं जुटा पा रहे हैं। राजभर ने कहा, ”हम तो उनके (सपा) साथ 4 महीने पहले आए और उनके साथ मिलकर अपने इलाकों में ताकत दिखाई। लेकिन उनके इलाकों में ही हम पिट गए तो क्या कर सकते हैं?”
राजभर द्वारा दिये जा रहे ऐसे बयानों के बाद ये अनुमान लगाना काफी मुश्किल हो रहा है कि क्या वो लोकसभा का चुनाव सपा के साथ ही मिल कर के लड़ेंगे या भाजपा के साथ वो पुन: वापस लौट जायेंगे। हाल ही में ओपी राजभर को लेकर उस समय भी अटकलें लगने लगी थीं, जब वह लखनऊ गेस्ट हाउस में बीजेपी के दो मंत्रियों से मिले थे। राजभर ने अपने दोनों बेटों के साथ बीजेपी नेताओं से दो घंटे से अधिक समय तक बातचीत की थी। हालांकि, बाद में उन्होंने यह कहते हुए अटकलों को खारिज करने की कोशिश की थी कि क्षेत्र के विकास को लेकर उन्होंने परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह से मुलाकात की है।