Rajasthan Politics: राजस्थान में विधानसभा चुनाव से पहले नेताओं के दल बदलने का सिलसिला शुरू हो गया है। इसी कड़ी में सत्ताधारी कांग्रेस को एक बड़ा झटका है। पार्टी की जाट नेता ज्योति मिर्धा (Jyoti Mirdha) सोमवार को भाजपा में शामिल हो गईं हैं। ज्योति, कांग्रेस के दिग्गज नेता रहे नाथूराम मिर्धा की पोती हैं।
Rajasthan Politics: राजस्थान में विधानसभा चुनाव से पहले नेताओं के दल बदलने का सिलसिला शुरू हो गया है। इसी कड़ी में सत्ताधारी कांग्रेस को एक बड़ा झटका है। पार्टी की जाट नेता ज्योति मिर्धा (Jyoti Mirdha) सोमवार को भाजपा में शामिल हो गईं हैं। ज्योति, कांग्रेस के दिग्गज नेता रहे नाथूराम मिर्धा की पोती हैं।
जानकारी के मुताबिक ज्योति मिर्धा सोमवार को भाजपा कार्यालय पहुंची, यहां पर उन्होंने राजस्थान भाजपा के अध्यक्ष सीपी जोशी की मौजूदगी में पार्टी का दामन थामा। उनके साथ पूर्व आईपीएस सवाई सिंह भी भाजपा में शामिल हो गए हैं। विधानसभा चुनाव से पहले यह कांग्रेस के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है। जबकि जाट बाहुल्य नागौर बेल्ट में जाट वोटर्स को साधने के लिए भाजपा का बड़ा मास्टर स्ट्रोक है, क्योंकि जाट समुदाय में मिर्धा परिवार का दबदबा माना जाता है।
बता दें कि जाट राजनीति के गढ़ रहे नागौर में आजादी के बाद से ही अधिकांश समय कांग्रेस का कब्जा रहा है। नाथूराम मिर्धा नागौर से छह बार सांसद रहे थे। उनकी पोती ज्योति मिर्धा भी नागौर की कांग्रेस से सांसद रह चुकी हैं, लेकिन 2014 और 2019 में उन्हें दो बार हार मिली। 2014 में मोदी लहर में भाजपा के सीआर चौधरी से लोकसभा चुनाव हार गईं। इसके बाद 2019 में फिर कांग्रेस के टिकट पर उन्होंने नागौर से लोकसभा चुनाव लड़ा था। लेकिन वे हनुमान बेनीवाल से हार गईं थी।