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भाजपा स्थापना दिवस: कैसे सही हुई अटल बिहारी वाजपेयी की सदन में कही हुई बात? जानें 2 सीट से पूर्ण बहुमत तक का सफर

आज भारतीय जनता पार्टी अपना स्थापना दिवस मना रही है। 6 अप्रैल 1980 में भारतीय जनता पार्टी की स्थापना की गई थी।

By प्रिन्स राज 
Updated Date

नई दिल्ली। आज भारतीय जनता पार्टी अपना स्थापना दिवस मना रही है। 6 अप्रैल 1980 में भारतीय जनता पार्टी की स्थापना की गई थी। एक समय था जब दो सीटें होने पर लोकसभा में एक चर्चा के दौरान इस बात का मजाक उड़ाया गया था तब के भाजपा के अध्यक्ष रहे पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने कहा था कि आज आप मेरा मजाक भले उड़ा रहे हैं लेकिन एक दिन ऐसा आयेगा कि कांग्रेस हाशिये पर खड़ी होगी।

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और लोग देश की सबसे पुरानी पार्टी पर हसेंगे। आज भाजपा पिछले दो लोकसभा के चुनावों से पूर्ण बहुमत की सरकार बनाने के अलावा देश के कई राज्यों में भी सरकार बनाने में सफल रही है। यूं तो भारतीय जनता पार्टी (BJP) की स्थापना 6 अप्रैल 1980 को हुई, लेकिन देश की सत्तारूढ़ पार्टी ने 1951 से लेकर 1980 तक भारतीय जनसंघ और जनता पार्टी के रूप में भी अपने सफर को पूरा किया था। भगवा पार्टी ने अपनी इस यात्रा में कई उतार चढ़ाव देखे हैं।

1- जनता पार्टी से अलग होकर छह अप्रैल 1980 को बीजेपी की स्थापना की गई थी। भगवा पार्टी ने अपनी विचारधारा में हिंदत्व को अहम स्थान दिया और राम मंदिर आंदोलन की अगुवाई किया। अटल बिहारी वाजपेयी भगवा पार्टी के पहले अध्यक्ष बने थे।
2- भाजपा की विचारधारा, जनता पार्टी से अधिक जनसंघ से मेल खाती थी। इसकी स्थापना श्याम प्रसाद मुखर्जी ने 1951 में की थी। इसका चुनाव चिह्न दीपक छाप था।
3- भाजपा के इस ऐतिहासिक सफर में नेताओं की कई जोड़ियों ने अहम भूमिका निभाई है। जनसंघ काल में डॉ.श्याम प्रसाद मुखर्जी और पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जोड़ी ने संगठन के लिए खूब पसीना बहाया। इसके बाद बीजेपी के शुरुआती दिनों में अटल बिहारी वाजपेयी और लालकृष्ण आडवाणी की जोड़ी सदैव सुर्खियों में रहती थी। आज के इस दौर में नरेंद्र मोदी और अमित शाह की जोड़ी सूपरहिट मानी जाती है।
4- बीजेपी को अपने पहले चुनाव (1984) में कुछ खास सफलता नहीं मिली थी। इस चुनाव में सिर्फ दो सांसद चुनाव जीत सके थे। आपको बता दें कि इसी साल इंदिरा गांधी की हत्या कर दी गई थी और पूरे देश में सिख नरसंहार हुआ था।
5- लाल कृष्ण आडवाणी ने सोमनाथ से लेकर अयोध्या तक की रथ यात्रा की। आडवाणी ने मंडल की राजनीति की काट में हिंदुत्व को खूब धार दिया। इस यात्रा से बीजेपी की छवि हिंदुत्व वाली बन गई। पार्टी भी लगातार डंके की चोट पर इसका दावा करती रही। बीजेपी लगातार अपने घोषणापत्र में राम मंदिर निर्माण का संकल्प लेती थी। आडवाणी की रथ यात्रा का लाभ बीजेपी को मिला। 1989 के लोकसभा चुनाव में भगवा पार्टी 2 से 89 सीटों तक पहुंचने में सफल रही।
6- देश में लालकृष्ण आडवाणी के नेतृत्व में राममंदिर आंदोलन तेज हो चुका था। 6 दिसंबर, 1992 अयोध्या में बाबरी मस्जिद ढांचा गिरा दिया गया, जहां आज सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर राम मंदिर का निर्माण हो रहा है। हालांकि, बीजेपी को इस घटना का खामियाजा भी भुगतना पड़ा। बीजेपी की तीन राज्यों की सरकार को बर्खास्त कर दिया गया।
7- 1996 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी बनी। अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में केंद्र में सरकार तो बनी, लेकिन सिर्फ 13 दिनों में गिर भी गई। 1998 में बीजेपी ने फिर सरकार बनाया, जो कि सिर्फ 13 महीने तक चली।
8- 1999-2004 तक बीजेपी पहली बार 20 दलों से अधिक के साथ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन बनाकर सरकार बनाने में सफल रही।
9- 2004 और 2009 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी को हार का सामना करना पड़ा। इन दोनों ही चुनाव में लालकृष्ण आडवाणी पीएम कैंडिडेट बनाए गए, लेकिन भगवा पार्टी को सफलत नहीं मिली।
10. 2014 में नरेंद्र मोदी को बीजेपी की तरफ से प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाया गाय। यहां से बीजेपी के एक नए युग की शुरुआत होती है। भाजपा पहली बार केंद्र में पूर्ण बहुमत की सरकार बनाने में सफल होती है। यह सिलसिला 2019 में भी चला। दोनों ही दफा नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बने।

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